बिहार राज्य में पोषण पखवाड़ा की हुई शुरुआत

बिहार राज्य में पोषण पखवाड़ा की हुई शुरुआत

विभिन्न गतिविधियों का किया जा रहा आयोजन

निदेशक, आई.सी.डी.एस. निदेशालय ने पत्र जारी कर दिया निर्देश 

पटना- बेहतर पोषण प्राप्त करना सभी का समान अधिकार है. संविधान के अनुच्छेद 47 के अनुसार राज्य के लोगों को बेहतर पोषण प्रदान कराना राज्य की प्राथमिक ज़िम्मेदारी भी है. इसको लेकर राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं भी चलायी जा रही है. सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी कुपोषण को ख़त्म करने की कई चुनौतियाँ सामने आती रही. इसको ध्यान में रखते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कुपोषण से लड़ने के लिए मार्च 2018 में पोषण अभियान की शुरुआत की गयी. प्रत्येक वर्ष मार्च महीने में पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया जाता है. इस बार 9 मार्च से 23 मार्च तक राज्य में पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है. इस बाबत निदेशक, आई.सी.डी.एस. निदेशालय, बिहार डॉ. कौशल किशोर ने सभी जिला प्रोग्राम पदाधिकारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को पत्र जारी कर जरुरी निर्देश दिए हैं.
जन भागीदारी की जाएगी सुनिश्चित:
अभियान की जानकारी देते हुए निदेशक, आई.सी.डी.एस. निदेशालय, बिहार डॉ. कौशल किशोर ने कहा कि पोषण पखवाड़ा के दौरान समग्र रूप से व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर व्यव्हार परिवर्तन के माध्यम से गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं, किशोरियों एवं 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में पोषण स्तर में आपेक्षित सुधार लाने एवं 3-6 वर्ष के बच्चों के प्रारंभिक देखभाल एवं शिक्षा के प्रति समुदाय को संवेदनशील बनाने के लिए जन भागीदारी से गतिविधियों का आयोजन कर जन आन्दोलन का रूप देने का प्रयास है.
तीन विषयों पर गतिविधियाँ होंगी आयोजित:
 पोषण भी, पढ़ाई भी- इस थीम अंतर्गत पोषण के साथ-साथ प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा के तहत 3-6 वर्ष के बच्चों के सर्वांगीन विकास एवं स्कूल जाने से पहले की तैयारी करने के लिए जागरूक करना.
 समुदाय को पोषण के प्रति जागरूक करने के लिए पारंपरिक और स्थानीय आहार विविधता को अपनाने के लिए जागरूक करना.
 गर्भवती/धात्री महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर करने एवं शिशु तथा बच्चों के आहार संबंधी व्यव्हार का अभ्यास कराने के लिए जागरूक करना.
जारी पत्र में बताया गया है कि मिशन लाईफ के अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्रों में वर्षा जल संचयन टिकाऊ खाद्य प्रणालियों एवं आयुष प्रथाओं के माध्यम से स्वस्थ्य जीवन शैली अपनाने के लिए अनीमिया, वाश एवं डायरिया प्रबंधन पर भी जागरूकता संबंधी गतिविधियाँ की जानी है. जारी पत्र में निर्देशित है कि 9-23 मार्च तक पोषण पखवाड़ा का सफलता पूर्वक आयोजन करते हुए प्रतिदिन के प्रतिवेदनों/आंकड़ों को जन-आन्दोलन डैश-बोर्ड पर अपलोड करना सुनिश्चित करना है.

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