बिहार बेतिया में जन्मजात विकृतियों से ग्रसित 04 बच्चे आईजीआईएमएस पटना रवाना

  • आरबीएस के अन्तर्गत हृदय रोग, कटे होंठ ग्रसित बच्चों का होगा निःशुल्क इलाज
  • अबतक जिले के 60 से अधिक बच्चों का सफल इलाज पटना में हो हो चुका है

बेतिया, 19 मार्च

मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत जिला स्वास्थ्य समिति परिसर से ह्रदय रोग,कटे होंठ ग्रसित 04 बच्चों को एम्बुलेंस से पटना आईजीआईएमएस भेजा गया है।सिविल सर्जन डॉ श्रीकांत दुबे ने बताया की जिला स्वास्थ्य समिति से जन्मजात रोग से ग्रसित 4 बच्चे शालिनि कुमारी (भीतहा), अली अहमद (नरकटियागंज) शौर्या कुमारी तथा प्रिंस कुमार (बगहा)को एम्बुलेंस से पटना भेजा गया।अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा. रमेश चन्द्रा तथा जिला समन्वयक आरबीएसके रंजन कुमार मिश्रा ने बताया की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अन्तर्गत जन्म के समय की विकृतियों को पहचान करते हुए रोगों से ग्रसित बच्चों को रेफरल सुविधा उपलब्ध कराया जाता है। जन्मजात विकृतियों मे डाउन सिंडोम, कटे होठ और तालु, क्लवे फुट, जन्मजात मोतियाबिंद, जन्मजात बहरापन, हृदय रोग एवं कूल्हे की ठीक से विकास न होना है।

  • ह्रदय रोग के गंभीर मरीजों को फ्लाइट के माध्यम से भेजा जाएगा अहमदाबाद:
    जिला कार्यक्रम प्रबंधक अमित अचल ने बताया कि इस योजना के तहत हृदय रोग से ग्रसित बच्चों को इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में भेज कर निशुल्क जांच , एवं श्री सत्य साइ हॉस्पिटल अहमदाबाद जाने के लिए निशुल्क एंबुलेंस एवं फ्लाइट की व्यवस्था कराई जाती है इनका ऑपरेशन का कोई शुल्क नहीं लगता है,जिला समन्वयक (आरबीएसके) रंजन कुमार मिश्रा ने बताया कि इस योजना का लाभ जिले के प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के टीम से मिलकर उठाया जा सकता है। जिले के सीएस डॉ श्रीकांत दुबे ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 43 प्रकार की बीमारियों की जाँच चिकित्सकों द्वारा निःशुल्क रूप से आंगनबाड़ी केंद्रों, विद्यालयों व अन्य स्थानों पर कैम्प लगाकर समय समय पर की जाती है। जाँच के दौरान कुछ बच्चों में हृदय रोग से संबंधित लक्षण दिखाई देने पर उन्हें जिले के अस्पताल में स्क्रीनिंग की जाती है। उसके बाद ह्रदय रोग से पीड़ित बच्चों को उनके माता-पिता और जरूरी कागजातों के साथ निःशुल्क एम्बुलेंस पटना और उसके बाद विमान से श्री सत्य साइ हॉस्पिटल, अहमदाबाद भेजा जाता है। अस्पताल में बच्चों एवं अभिभावक के रहने, भोजन, इलाज का सारा खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है। इस मौके पर सीएस डॉ श्रीकांत दुबे , एसीएमओ डॉ रमेश चंद्रा,जिला समन्वयक डॉ रंजन कुमार मिश्रा,डीसीएम राजेश कुमार,व अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे।

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