- कुछ उपयोगी सुझाव
टी.वी, सोशल मीडिया तथा समाचार पत्रों में कोरोना से बचाव हेतु सकारात्मक खबरें भी प्रसारित होना चाहिये।
• कोरोना संक्रमण से जूझकर जीतने वाले योद्धाओं की कहानियों को प्रसारित किया जाना चाहिए।
• कोरोना स्वयंसेवकों को ऑटो जनरेटेड परिचय पत्र प्रदान किये जाने चाहिए।
• मास्क नहीं पहनने पर, डिस्टेंसिंग नहीं रखने पर और कोरोना से बचाव के उपाय नहीं अपनाने पर उसकी कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है, इस बारे में जन-जन को जागरूक किया जाना चाहिए।
• ग्रामीण अंचलों में मोबाइल वैन द्वारा कोरोना से बचाव हेतु प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिये।
• आरटी-पीसीआर की रिपोर्ट 24 घंटे में मिल सके, इस संबंध में व्यवस्था बनाई जानी चाहिए।
• दुकानों पर ‘’मास्क नहीं तो-सामान नहीं’’ के स्लोगन लगवाये जाने चाहिए।
• साप्ताहिक हाट बाजार को अस्थायी रूप से बंद करने पर विचार किया जाना चाहिये।
• प्रत्येक जिले में कोविड मित्र डेस्क की स्थापना की जानी चाहिए।
• निजी चिकित्सालयों को कोविड के रेपिड एंटीजन टेस्ट एवं RT-PCR की अनुमति प्रदान की जानी चाहिए।
• मास्क न लगाने वालों को रोकने-टोकने के कार्य एवं वैक्सीनेशन के भय को दूर करने हेतु यमराज व चित्रगुप्त जैसे पौराणिक चरित्रों के माध्यम से समझाने का अभियान निरंतर चलाया जाना चाहिए।
• कोरोना पॉजिटिव, लेकिन असिमटोमेटिक अथवा अत्यंत अल्प लक्षण वाले रोगियों के घर पर उपचार का प्रोटोकाल जारी किया जाना चाहिए।
• प्रायवेट चिकित्सालयों में जॉच/ईलाज हेतु रेट लिस्ट अस्पतालों में चस्पा की जानी चाहिए।
• प्रदेश की क्षेत्रीय भाषाओं में भी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए में प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए।
• बैंकों में आने वाली भीड़ और कुंभ मेले से आ रहे तीर्थ यात्रियों के माध्यम से कोविड संक्रमण को विस्तार न मिले, इसके उपाय किए जाने चाहिए।
• प्रत्येक मेडिकल स्टोर पर कोरोना के घर पर किए जा सकने वाले उपचार की कोरोना-किट रखने की व्यवस्था की जानी चाहिए।