सूफी संतों की महत्वपूर्ण नगर पंचायत में नहीं है एक भी कूड़ा डंपिंग ग्राउंड

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(बलिया) । बलिया जनपद का सबसे प्राचीन नगर पंचायत चितबड़ागांव है जो सूफी संतों की महत्वपूर्ण स्थान है। जहां पर कस्बा सहित ग्रामीण इलाकों में कहीं भी मांस मछली अर्थात मांसाहारी वस्तुओं की कोई भी क्रय विक्रय नहीं की जाती है ।कस्बे के चारों दिशाओं में अति महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल हैं जिसे देखने के लिए आसपास के जनपदों सहित दूरदराज के दर्शक भी आते जाते हैं। कस्बे के पूर्व दिशा में चितेश्वर नाथ धाम ,पश्चिम दिशा में माधव ब्रह्म बाबा तथा दक्षिण दिशा में कारों गांव में कामेश्वर नाथ धाम व कस्बे के बीचों बीच हरलाल साहब, गुलाल साहब, भीखा साहब तथा शहीद मदारी पीर बाबा के अलावा ऐतिहासिक बरैया पोखरा, तेलिया पोखरा का दर्शनीय स्थल है। मगर आलम यह है कि इतना पुराना नगर पंचायत होने के बावजूद भी कस्बे में कूड़ा डंपिंग ग्राउंड नहीं है ।जहां पर कूड़ों को नष्ट किया जा सके। ऐसे में नगर पंचायत अध्यक्ष केसरी नंदन त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि पूरे कस्बे की कूड़े कचरे को हकीम जी की गड़ही के नाम से प्रचलित गड़ही में ही कूड़ों को फेंका जाता है। जब इस संबंध में नगर पंचायत अध्यक्ष केसरी नंदन त्रिपाठी से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत नगवांगाईं में जमीन खरीदने के लिए नगर पंचायत प्रशासन प्रयासरत है मगर अभी तक मिल नहीं सका है जिसके कारण कस्बे का सारा कूड़ा कचरा हकीम जी की गड़ही में ही डाली जा रही है।

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