मिथिला पेंटिंग का ऐतिहासिक महत्व : प्रधानाचार्य
मिथिला पेंटिंग का ऐतिहासिक महत्व : प्राचार्य
ताजपुर, समस्तीपुर से अब्दुल कादिर की रिपोर्ट
ताजपुर / समस्तीपुर : – – डॉ. लोहिया कर्पूरी विश्वेश्वर दास महाविद्यालय ताजपुर, समस्तीपुर में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर प्रधानाचार्य डॉ.प्रभात रंजन कर्ण की अध्यक्षता में **मिथिला पेंटिंग प्रतियोगिता कार्यक्रम** का आयोजन रसायन शास्त्र विभाग , वनस्पति शास्त्र विभाग एवं जंतु विज्ञान विभाग द्वारा किया गया। जिसके आयोजक एवं निर्णायक मंडल में प्राध्यापक डॉ हरिमोहन प्रसाद सिंह ,डॉ. संजीव कुमार विद्यार्थी, डॉ. कुमारी सुषमा सरोज एवं डॉ कुमारी शशि प्रभा के साथ कार्यक्रम पदाधिकारी श्री निशिकांत जायसवाल रहे।यह कार्यक्रम आइ.क्यू.एसी.समन्वयक श्री रजत शुभ्र दास की देखरेख में सम्पन्न हुआ।
प्रधानाचार्य ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में बताया कि मिथिला पेंटिंग का ऐतिहासिक महत्व है।जो मुझे अपने विरासत और संस्कृति से जोड़ती है । सभी रंगों का अलग अस्तित्व है जो अपनी आभा प्रत्येक परिस्थिति में विसर्जित करना नहीं भूलती। यह रंग मनुष्य को प्रकृति से जोड़ती है साथ ही यह रंग राष्ट्रीयता की भावना से हमें जोड़े रखती है। जिससे राष्ट्र सुखी एवं समृद्ध होता है।
मिथिला पेंटिंग प्रतियोगिता में कुल 40 छात्र/छात्राएं सम्मिलित हुए।प्रतियोगिता का परिणाम 25 जुलाई 2022 को निर्णायक मंडल द्वारा घोषित किया जाएगा। मंच संचालन रसायन विभाग के प्राध्यापक डॉ. हरिमोहन प्रसाद सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ. बलराम कुमार ने किया। मौके पर डॉ.विनीता कुमारी, डॉ. जगदीश प्रसाद वैश्यन्त्री, डॉ. उदय कुमार, डॉ.हुस्न आरा, डॉ.शहनाज आरा,श्री आशीष कुमार ठाकुर, डॉ.शाजिया प्रवीण, डॉ.अनील शर्मा ,डॉ गायत्री कुमारी, डॉ दुर्गा पटवा,अजीत कुमार, सौरभ कुमार, तबरेज आलम, रंधीर कुमार आदि उपस्थित रहे।