*का० चारू मजुमदार के 50वीं शहादत दिवस को माले कार्यकर्ताओं ने संकल्प दिवस के रूप में मनाया*
*दो मिनट का मौन श्रद्धांजलि के बाद लाल सलाम के नारों के बीच का० सीएम की तस्वीर पर किया माल्यार्पण*
*केंद्रीय कमिटी द्वारा जारी संकल्प-पत्र का किया सार्वजनिक पाठ*
*11वें पार्टी महाधिवेशन (पटना) को तन-मन-धन से सफल बनाने का कार्यकर्ताओं से किया आह्वान*
ताजपुर, समस्तीपुर से अब्दुल कादिर की रिपोर्ट
ताजपुर /समस्तीपुर । 28 जुलाई 2022
नक्सलबाड़ी किसान आंदोलन के महान शिल्पी एवं भाकपा माले के संस्थापक महासचिव का० चारू मजुमदार का 50वीं शहादत दिवस गुरूवार को माले कार्यकर्ताओं ने फतेहपुर मुशहरी में जोश-खरोश के साथ मनाया.
दो मिनट का मौन धारण कर का० चारू को याद किया गया. फिर लाल सलाम के नारों के बीच उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया. तत्पश्चात केंद्रीय कमिटी द्वारा जारी संकल्प-पत्र का सार्वजनिक पाठ किया गया.
मौके पर अपने अध्यक्षीय संबोधन में भाकपा माले प्रखण्ड कमिटी सदस्य सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि आज सीएम के शहादत दिवस के पचासवें वर्ष में हम स्वयं को एक असाधारण परिस्थिति के बीच देख रहे हैं.न केवल जनता का जीवन, जीवनयापन के साधन, स्वतंत्रता पर गंभीर संकट मंडरा रहा है बल्कि गणतंत्र को धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र की संवैधानिक प्रतिबद्धता से बंचित कर फासीवादी हिंदूराष्ट्र के पिंजरे में कैद किया जा रहा है. क्रांति के सपने को पूरा करने के लिए जिस पार्टी का जन्म हुआ उसे अब इस अभूतपूर्व विपत्ति का सामना कर रहे गणतंत्र को बचाने व उसका पुनर्निर्माण करने के कार्यभार को नेतृत्व देना होगा. इन चुनौतिपूर्ण परिस्थितियों का सामना करने के लिए हमें पार्टी को सांगठनिक, राजनैतिक एवं वैचारिक तौर पर मजबूत बनाना होगा. इसी उद्देश्य को हासिल करने के लिए एक समर्पित अभियान का शुरुआत करें जिसका समापन अगले साल फरवरी में पटना में होने वाले महाधिवेशन को तन-मन-धन से सफल बनाने का कार्यभार अपने हाथों में लेना होगा.
कार्यक्रम के अंत में 14 अगस्त को प्रखण्ड सम्मेलन करने की घोषणा की गई. कार्यक्रम में ब्रहमदेव प्रसाद सिंह, राजदेव प्रसाद सिंह, बासुदेव राय, शंकर सिंह, मलित्तर राम, मनोज कुमार सिंह, शिव कुमारी देवी, सुलेखा कुमारी, रंजीत सिंह, अनील कुमार सिंह, गीता देवी, उषा देवी, पिंकी देवी, रीना देवी, सुनैना देवी, विजय कुमार सिंह, नरेश कुमार ठाकुर, शंकर सिंह, चंद्रशेखर कुमार, किरण देवी, सोना देवी समेत अन्य महिला- पुरूष कार्यकर्ता उपस्थित थे.