महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्र आने के लिए पुरूष करते हैं प्रेरित!
– आंगनबाडी सेविका नम्रता कुमारी की अथक मेहनत ने बदली फिजां
– उफरौल वार्ड 4 में महिलाएं स्वास्थ्य और पोषण में हुई हैं आत्मनिर्भर
वैशाली।
आज से 10-15 साल पहले महिलाएं आंगनबाड़ी के बारे में जानती तो थीं, पर घर की दहलीज लांघने से पहले उनके मन में कई सामाजिक उलझनें रहती थी। एक महिला होने के नाते मैं आसानी से क्षेत्र की महिलाओं से जुड़ रही थी। उनकी सबसे बड़ी कमजोरी थी कि वह बिना पुरूषों की सलाह के कोई काम नहीं करती थीं। यहां पर मैंने परिवर्तन की मुख्य बिंदु ढूंढ ली। अब बारी उनके निदान की थी। यह बातें उफरौल पंचायत वार्ड नंबर 4, आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 15 की सेविका नम्रता कुमारी कह रही थी। वह अभी तुरंत ही गर्भवती महिलाओं के बीच राशन बांट कर अपने केंद्र में आईं थीं। वह कहती हैं कि मेरा सबसे पहले काम था आंगनबाड़ी में मिलने वाली सुविधाओं को लोगों को बताना और पहुंचाना। इसे मैंने खूब किया। धीरे-धीरे क्षेत्र के लोगों में आंगनबाड़ी के प्रति विश्वास जगने लगा। जिसका परिणाम है कि आज घर के पुरूष खुद महिलाओं को आंगनबाड़ी आने के लिए प्रेरित करते हैं। अब महिलाएं अपने साथ अपने बच्चों को भी स्वास्थ्य और पोषण का लाभ दिलवा रही हैं।
अतिकुपोषित बच्चों की संख्या थी अधिक-
नम्रता कहती हैं कि मैंने जब सेविका के रूप में कार्य करना शुरू किया, उस वक्त इस आंगनबाड़ी क्षेत्र में अतिकुपोषित बच्चों की संख्या ज्यादा थी। गरीबी होने के कारण लोग बच्चों को न तो स्कूल भेजते थे न ही किसी विशेष पोषण की व्यवस्था थी। ऐसे में मैंने उनकी माताओं से आग्रह कर बच्चों को केंद्र में नामांकित करना शुरू किया। शुरुआत में 3- 4 बच्चे ही जुड़े, पर उनमें परिवर्तन देख अन्य महिलाएं भी अपने बच्चों का नामांकन कराने लगीं। अब बच्चों की संख्या 20 से भी ज्यादा हो गयी है। अब कोई बच्चा कुपोषित की श्रेणी में भी नहीं है।
महिलाओं को रास आ रहा स्वास्थ्य और पोषण-
उफरौल गांव वार्ड नं 4 की लाभार्थी उषा देवी कहती हैं कि आंगनबाड़ी केंद्र के होने से न सिर्फ महिलाओं को उफरौल अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं बल्कि प्रसव पूर्व कैल्सियम और आयरन की गोली भी मिल रही है। सेविका नम्रता कहती हैं कि गांव में शायद ही ऐसा कोई होगा जो प्रसव पूर्व परीक्षण के लिए शहर जाता होगा, उन्हें हरेक तरह की स्वास्थ्य की जांच और पोषण की जानकारी एपीएचसी और आंगनबाड़ी केंद्र से ही मिल जाती है। मेरी 10 साल की मेहनत अब रंग ला रही है, मेरे वार्ड की सभी महिलाएं और बच्चों को स्वास्थ्य और पोषण संबंधी निदान उनके पास मेरी आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में जो है।