4600 उम्मीदवारों के भविष्य अधर में लटकाने के खिलाफ माले ने निकाला विरोध मार्च

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*4600 उम्मीदवारों के भविष्य अधर में लटकाने के खिलाफ माले ने निकाला विरोध मार्च*

 

*पटना उच्च न्यायालय को व्यवहारिक निर्णय लेना चाहिए था, वोटिंग से 5 दिन पहले चुनाव का स्थगन दुर्भाग्यपूर्ण- बंदना*

 

*आरक्षण विरोधी भाजपा की साजिश व अतिपिछड़ों के प्रति ढोंग का माले करेगा भंडाफोड़*

 

 

ताजपुर , समस्तीपुर से अब्दुल कादिर की रिपोर्ट

 

 

ताजपुर  /समस्तीपुर  : – – 8 अक्टूबर 2022

 

नगर निकाय के 4600 उम्मीदवारों के भविष्य को अधर में लटकाने के खिलाफ नगर परिषद क्षेत्र के गांधी चौक पर बड़ी संख्या में भाकपा माले के कार्यकर्ता ईकट्ठा होकर विरोध मार्च निकाला. अपने-अपने हाथों में मांगों से संबंधित नारे लिखे बैनर, झंडे लेकर माले कार्यकर्ता नारे लगाते हुए दरगाह रोड, नीम चौक समेत बाजार क्षेत्र के विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए अस्पताल चौक पहुंचा. यहाँ जोरदार नारेबाजी के बाद मार्च सभा में तब्दील हो गया.

सभा को संबोधित करते हुए महिला संगठन ऐपवा के जिला अध्यक्ष बंदना कुमारी ने कहा कि नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों- अतिपिछड़ों को दिए जा रहे आरक्षण के मसले पर पटना उच्च न्यायालय का जो फैसला आया है, उसके पीछे भाजपा है. आरक्षण को खत्म करने की भाजपाई साजिश से हम सब वाकिफ हैं. यहाँ तक कि आरक्षण पर कई बार सुप्रीम कोर्ट भी उसकी साजिश का शिकार होता रहा है. आरक्षण पर उसकी अड़ेंगेबाजी ने नगर निकाय चुनाव को उलझाकर सभी 4600 प्रत्याशियों व आम जनता को भारी परेशानी में डाल दिया है.

 

पटना उच्च न्यायालय ने ट्रिपल टेस्ट नहीं कराए जाने को आधार बनाकर आरक्षित सीटों पर चुनाव रोक दिया था. बाद में निर्वाचन आयोग ने पूरे चुनाव को ही स्थगित कर दिया. वोटिंग के 5 दिन पहले चुनाव का स्थगन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

 

भाजपा अब अतिपिछिड़ों के प्रति प्रेम का ढोंग कर रही है. नगर निकाय का यह चुनाव 2007 के प्रावधानों के अनुसार ही हो रहा था. इस आधार पर 2012 व 2017 में चुनाव हो चुके हैं. लंबे अर्से से नगर विकास विभाग की जिम्मेवारी भाजपाई मंत्रियों के ही जिम्मे रही है. तब इसका जवाब भाजपा को ही देना होगा कि उसने अभी तक ट्रिपल टेस्ट के लिए कमीशन का गठन क्यों नहीं किया था? आज जब वह बिहार की सत्ता से बाहर है तो बौखलाहट में नगर निकाय चुनावद को स्थगित करने की उसने गहरी साजिश रचने का काम किया है.

 

महिला नेत्री ने कहा कि ऐसे ही सरकार, कोर्ट एवं चुनाव आयोग की तिकड़ी के कारण बिहार में 1977 से 2001 तक पंचायत निकाय चुनाव स्थगित रखकर विकास कार्यों को अवरुद्ध किया गया था. उन्होंने मांग किया कि कानून दांवपेंच खत्म कर जल्द से जल्द चुनाव कराया जाए.

 

माले जिला कमिटी सदस्य आसिफ होदा ने कहा कि आरक्षण को हर स्तर पर कमजोर करने की भाजपाई साजिश के खिलाफ भाकपा-माले व्यापक स्तर पर भंडाफोड़ अभियान चलाएगी. सभा की अध्यक्षता माले प्रखण्ड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने किया. ब्रहमदेव प्रसाद सिंह, शंकर महतो, बासुदेव राय, मो० एजाज, मो० शकील, अर्जुन कुमार, ललन दास, मो० कयूम, मनोज कुमार सिंह, अनीता देवी, सुलेखा देवी, मुंशीलाल राय, पार्षद उम्मीदवार ललन दास, राजदेव प्रसाद सिंह, संतोष कुमार, जवाहर पासवान, राजेश्वर चौधरी, अब्दुल रहमान, आसिफ नूरैन, साकीब मासूम, मो० नेमत, वाहीद होदा, मो० तमन्ना, मनोज साह, मुकेश कुमार गुप्ता, मो० बहादुर, साकीब नूरैन, मनोज कुमार सिंह, समेत बड़ी संख्या में माले कार्यकर्ताओं ने सभा को संबोधित करते हुए तमाम बिध्न-बाधा दूर कर यथाशीघ्र संपूर्ण बिहार में नगर निकाय चुनाव कराने की मांग की ।

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