बिहार,मोतिहारी/डेंगू के मामले में आई कमी, फ़िर भी सावधानी बरतनी जरूरी : डॉ शर्मा

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डेंगू के मामले में आई कमी, फ़िर भी सावधानी बरतनी जरूरी : डॉ शर्मा

 

रिपोर्ट नसीम रब्बानी, स्टेट हेड-बिहार तहलका न्यूज़ चैनल

 

– इस वर्ष अभी तक 208 पहुंचे डेंगू के मामले

– बढ़ते ठंढ के साथ होती है ड़ेंगू में कमी
– साफ-सफ़ाई के साथ  मच्छरदानी का प्रयोग जरूरी

मोतिहारी। जिले में बढ़ते ठंड के साथ डेंगू के मामले में कमी देखी जा रही है। कई दिनों से जिले में डेंगू के नए मामले सामने नहीं आये  हैं। जिले के भीबीडीसीओ डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि बरसात के बाद जगह जगह पानी जमा होने से मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल जगह बन जाती है, जिसके चलते अधिकांश लोग ड़ेंगू का शिकार होते हैं।

सुबह के वक्त काटते हैं डेंगू के मच्छर

भिबीडिसीओ धर्मेंद्र कुमार, सत्यनारायण कुमार ने बताया कि डेंगू के मच्छर को मादा एडीज़ मच्छर कहते हैं। चीते जैसी धारियों वाले मादा एडीज़ इजिप्टी मच्छर के काटने से शरीर में डेंगू फैलता है। यह मच्छर अक्सर सुबह के समय ही काटते हैं। रिपोर्ट्स में सामने आया है कि डेंगू के मच्छर दिन में खासकर सुबह के वक्त काटते हैं। अगर रात में रोशनी ज्यादा हो , तो भी यह मच्छर काट सकते हैं। इसलिए सुबह और दिन के वक्त घर के आसपास मच्छरों को न रहने दें। ये मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाते, इंसान के घुटने के नीचे तक ही पहुंच पाते हैं। इसलिए शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े ही पहनें ताकि मच्छर से बच सकें। सुबह के वक्त भी पांव और हाथों को ढककर रखें। डेंगू के मच्छर गंदी नालियों में नहीं बल्कि साफ सुथरे पानी में पनपते हैं, साफ सुथरे शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को इसका ज्यादा खतरा रहता है। इससे बचने के लिए रात में मच्छरदानी का अवश्य प्रयोग करें।

मोतिहारी, रक्सौल में मिले ज्यादातर केस

जिले में डेंगू संक्रमण के कुल 208 मामले सामने आये हैं।  इनमें मोतिहारी में 89, रक्सौल में 31, चिरैया में 9, रामगढ़वा में 10, आदापुर में 7 शामिल है। बाकी जगहों पर कम मामले देखे गए।

बहुत जल्द डेंगू से पूर्णत: मुक्त होगा जिला

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने कहा कि जिले में डेंगू संक्रमण का मामला अब अंतिम चरण में है। जल्द ही संक्रमण संबंधी मामलों से जिला पूर्णत: मुक्त होगा। उन्होंने कहा कि मरीजों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। पहले की तुलना में अब नये मरीज काफी कम मिल रहे हैं।

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