डीएम द्वारा लोक शिकायत निवारण में लापरवाही के कारण अंचल अधिकारी पर 2,500/- रुपये का अर्थदण्ड लगाया गया
डीएम द्वारा लोक शिकायत निवारण में लापरवाही के कारण अंचल अधिकारी पर 2,500/- रुपये का अर्थदण्ड लगाया गया
राजस्व कर्मचारियों के विरूद्ध प्रपत्र-क गठित करने का आदेश; डीसीएलआर से शोकाॅज
बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकताः शिकायतों के निवारण में स्वेच्छाचारिता, शिथिलता या संवेदनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगीः डीएम
लोक शिकायतों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निवारण करने का डीएम ने दिया आदेश
पटना: जिलाधिकारी, पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह द्वारा आज अपने कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील में शिकायतों की सुनवाई और उसका निवारण किया गया। लोक शिकायत निवारण में शिथिलता, संवेदनहीनता एवं अरूचि प्रदर्शित करने के आरोप में एक अंचलाधिकारी के विरुद्ध 2,500/- रुपये का अर्थदंड लगाया गया। साथ ही दानापुर अनुमंडल में पिछले 10 साल में पदस्थापित सभी भूमि सुधार उप समाहर्ताओं से कारण पृच्छा कर आदेश का अनुपालन सुनिश्चित नहीं करने के आरोप में जिम्मेदारी निर्धारित करने का निदेश दिया गया। इसके अतिरिक्त मसौढ़ी अनुमंडल के पुनपुन अंचल में तत्कालीन एवं वर्तमान राजस्व कर्मचारियों के विरूद्ध प्रपत्र ‘क’ गठित करने का आदेश दिया गया।
डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज लोक शिकायत के कुल 16 मामलों की सुनवाई की, जिसमें 06 मामलों का निवारण किया गया तथा 10 मामलों में अंतरिम आदेश पारित किया गया।
दरअसल श्री ज्योत कुमार शहर/ग्राम पतुत, पोस्ट-पतुत, अंचल-बिक्रम, अनुमंडल-पालीगंज द्वारा परिवाद दर्ज कराया गया था। उनकी शिकायत राजस्व रसीद कटवाने के संबंध में है। जिलाधिकारी ने सुनवाई के क्रम में पाया कि भूमि सुधार उप समाहर्ता, दानापुर द्वारा अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर कार्य किया गया है। पूर्व में ही समाहर्ता न्यायालय द्वारा भूमि सुधार उप समाहर्ता को आदेश दिया गया था कि भू-हदबंदी धारा 16(3) वाद संख्या 04/2011-12 में जमाकर्ता के द्वारा जमा की गई क्रय राशि उसके 10 प्रतिशत के समतुल्य राशि के साथ एकमुश्त बिना सूद के सत्यापनोपरान्त लौटा दें। परन्तु भूमि सुधार उप समाहर्ता द्वारा इस आदेश का अनुपालन नहीं कर अपने क्षेत्राधिकार का अतिक्रमण करते हुए परिवादी के शिकायत का निवारण नहीं किया गया। डीएम डाॅ. सिंह ने कहा कि यह अत्यंत आपत्तिजनक है एवं यह लोक प्राधिकार द्वारा लोक शिकायत निवारण में संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि इसके कारण श्री ज्योत कुमार के मामले का दस साल से निष्पादन नहीं किया गया है। उन्होंने भूमि सुधार उप समाहर्ता, दानापुर को 24 घंटे के अंदर आदेश का अनुपालन कर प्रतिवेदन देने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि कल दिनांक 11 फरवरी को 10.30 बजे पुनः इसकी सुनवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी, दानापुर को वर्ष 2013 से अभी तक पदस्थापित सभी दोषी भूमि सुधार उप समाहर्ताओं से स्पष्टीकरण करते हुए उन सभी के विरूद्ध जिम्मेदारी निर्धारित कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निदेश दिया।
परिवादी डाॅ. बी डी साह, सेवानिवृत प्रधानाचार्य, शहर/ग्राम-विजय नगर, रोड नं0-2, हनुमान नगर, अंचल-पटना सदर द्वारा सरकारी जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराने के संबंध में परिवाद दिया गया था। सुनवाई के क्रम में पाया गया कि लोक प्राधिकार अंचलाधिकारी, पटना सदर द्वारा इस मामले में कोई अभिरूचि प्रदर्शित नहीं की गई। उनके द्वारा प्रथम अपीलीय प्राधिकार के समक्ष निर्धारित तिथि को न ही प्रतिवेदन समर्पित किया गया और न ही सुनवाई में भाग लिया गया। उन्हें प्रथम अपीलीय प्राधिकार-सह-अपर समाहर्ता, लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, पटना द्वारा चेतावनी भी दी गई थी। फिर भी अंचल अधिकारी, पटना सदर द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। डीएम डाॅ. सिंह ने कहा कि यह लोक प्राधिकार द्वारा लोक शिकायत निवारण के प्रति संवेदनहीनता एवं अरूचि को प्रदर्शित करता है। उनके इस कार्यशैली के कारण परिवादी के शिकायत का निवारण 15 महीना से अधिक समय से नहीं हो पाया। प्रथम अपीलीय प्राधिकार की भी अंचल अधिकारी, पटना सदर के विरूद्ध प्रतिकूल टिप्पणी है। डीएम डाॅ. सिंह ने इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, पटना सदर के विरूद्ध 2,500/- रुपये का अर्थदंड लगाया। साथ ही उन्होंने अंचल अधिकारी को निदेश दिया कि सभी पक्षों को सुनकर मुखर आदेश पारित कर दिनांक 17.03.2023 को प्रतिवेदन के साथ उपस्थित रहेंगे।
एक अन्य मामले में अपीलार्थी श्री शारदा कुमार सिंह, पता-लोदीपुर, पुनपुन, पटना द्वारा दाखिल-खारिज वाद के संबंध में शिकायत की गई थी। सुनवाई में पाया गया कि यद्यपि परिवादी के शिकायत का निवारण हो गया है, फिर भी गलत मंशा से दो राजस्व कर्मचारियों-तत्कालीन एवं वर्तमान- द्वारा मामले को लंबित रखा गया था। उनके मामले को पहले अस्वीकृत एवं पुनः आवेदन दाखिल करने पर स्वीकृत किया गया। डीएम डाॅ. सिंह ने कहा कि राजस्व कर्मचारी को नियमतः 10 दिनों के अंदर प्रतिवेदन समर्पित करना होता है परन्तु उनके द्वारा 42 दिनों में प्रतिवेदन समर्पित किया गया। फलस्वरूप श्री शारदा कुमार को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ा। इस पर डीएम डाॅ. सिंह ने भूमि सुधार उप समाहर्ता, मसौढ़ी को पुनपुन अंचल के दोषी राजस्व कर्मचारियों के विरूद्ध प्रपत्र ‘क’ गठित कर भेजने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि दोषी राजस्व कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी।
डीएम डाॅ. सिंह द्वारा आज बिहार सेवा शिकायत निवारण अधिनियम के तहत भी मामलों की सुनवाई एवं निवारण किया गया।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लोक शिकायतों एवं सेवा शिकायतों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। अधिकारियों को संवेदनशीलता एवं तत्परता प्रदर्शित करनी होगी।