इस बार सावन में होंगे आठ सोमवारी पर जलाभिषेक 19 वर्षों बाद शिव भक्तों के लिए सावन में मलमास का मिल रहा शुभ संयोग, 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेंगे अधिक मास
इस बार सावन में होंगे आठ सोमवारी पर जलाभिषेक
19 वर्षों बाद शिव भक्तों के लिए सावन में मलमास का मिल रहा शुभ संयोग, 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेंगे अधिक मास
महुआ। रेणु सिंह
सावन का आगाज मंगलवार को हो गया। इसी के साथ शिव भक्तों में भक्ति के साथ उत्साह परवान चढ़ने लगी है। इस बार सावन में मलमास के कारण शिव भक्तों के लिए काफी भक्ति का रहेगा। मलमास के कारण सावन के 8 सोमवारी होंगे। जिसके कारण पूरे 2 महीना शिव भक्तों के लिए भक्ति और साधना का रहेगा। इस बार सावन के 8 सोमवारी पड़ने से सभी शिवालय पूरे 2 महीने तक भक्ति के बीच श्रद्धालुओं की भीड़ से गुलजार रहेगा। यह 19 वर्षों बाद शिव भक्तों के लिए शुभ संयोग लेकर आया है। इससे शिव भक्तों में उत्साह ही नहीं बल्कि खासा उमंग देखा जा रहा है।
महुआ बाजार निवासी वेदाचार्य पंडित नंदकिशोर शास्त्री ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार सावन महीने में मलमास (अधिक मास) होगा। जिसे उत्तम मास भी कहा जाता है। यह शिव भक्तों के लिए 19 वर्षों बाद शुभ संयोग बनकर आया है। इस बार श्रद्धालु पूरे पूरे 8 सोमवारी पर भगवान शिव को जलाभिषेक कर उनकी आराधना भक्ति भक्ति के बीच कर सकेंगे। शिव भक्तों को शिवालयों में 8 सोमवारी पर जलाभिषेक का सौभाग्य प्राप्त होगा। सावन 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त को रक्षाबंधन के साथ समाप्त होगा।
18 जुलाई से 16 अगस्त तक होंगे अधिक मास:
मलमास (अधिक मास) का झंडा 17 जुलाई को गाड़ा जाएगा। हालांकि यह मलमास 18 जुलाई से शुरू होकर 16 अगस्त तक चलेगा। वेदाचार्य नंदकिशोर झा बताते हैं कि मलमास को अधिक मास यानी उत्तम मास कहा गया है। उत्तम मास में भगवान विष्णु और शिव की पूजा करने से मनचाहा फल प्राप्त होता है। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि इस मलमास में शुभ कार्यों को छोड़कर भगवान की पूजा, जलाभिषेक, यज्ञ आदि होंगे। जबकि वैवाहिक कार्य, बच्चों के विभिन्न संस्कार, गृह आरंभ, गृह प्रवेश आदि पर विराम लग जाएगा।
07 जुलाई से शुरू होगा मधुश्रावनी:
आचार्य बताते हैं कि आगामी 7 जुलाई से 13 दिवसीय मधुश्रावनी की शुरुआत होगी जो 19 अगस्त तक चलेगी। मधुश्रावणी में नाग पूजन का विशेष महत्व होता है। उन्होंने बताया कि मधुश्रावणी युवतियों और महिलाओं के लिए काफी उमंग भरा होता है। वे जत्थे में जाकर फुलवाड़ी से फूल लोढती है। यह एक विशेष प्रकार का लोक पर्व है। 17 जुलाई को सोमवती अमावस्या होगा। यह खासकर महिला शिव भक्तों के लिए काफी संयोग है। इस दिन शिव को जलाभिषेक कर सुहागिने सौभाग्य की प्राप्ति के लिए पीपल वृक्ष के 108 फेरे लगाएंगी और शिव पार्वती की अमर प्रेम की कथा श्रवण करेंगी।
किस किस तिथि को है सोमवारी:
शिव भक्त 10, 17, 24 व 31 जुलाई तथा 07, 14, 21 व 28 अगस्त को शिवालयों में जलाभिषेक होंगे।