गोरौल प्रखंड में शांति पूर्ण तरीके से हुआ पहलाम ।
गोरौल प्रखंड में शांति पूर्ण तरीके से हुआ पहलाम ।
रिपोर्ट:ज़ाहिद वारसी
बिहार, वैशाली:गोरौल प्रखंड के सभी क्षेत्रो में शोक मातम और धैर्य का प्रतीक तजिया जुलूस शांति पूर्ण पहलाम किया गया. यह तजिया जुलूस इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का शहादत दिवस के रूप में 10 मुहर्रम को मनाया जाता है. मुहर्रम पर प्रकाश डालते हुए मो. जाहिद वारसी, मो इरशाद, फैज वारिस , मो आंसर,मो जमाल ,मो इस्लाम के अलावा अन्य ने बताया कि हजारों वर्षों से इमाम हुसैन का शहादत दिवस 10 मुहर्रम को मनाने की परम्परा चली आ रही है , इस पर्व में मुस्लिम समुदाय के लोग 10 दिन से लेकर 2 दिन तक उपवास रखते है. इस माह में शादी ब्याह नही करते है . कुछ लोग नया कपड़ा भी पहन्ना पसंद नही करते इसे गुनाह समझते हैं . शोकाकुल माहौल में जीते हैं . तिजा के बाद खुशी का काम करते है, कहते हैं कि मुहम्मद पैगम्बर साहब के इस्लाम धर्म पूर्ण गठन के बाद इस्लामी क़ानून खलीफाओं के द्वारा चलाया जा रहा था लेकिन एक मुस्लिम मावेया नाम का सेना का कमांडर ताकत और छल के द्वारा खिलाफत को खत्म कर दिया और बादशाहत कायम कर हुकुमत चलाने लगा और अपने मृत्यु से पहले अपने पुत्र यजीद को जबरदस्ती अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया और लोगों को डरा धमकाकर सैंकड़ों लोगों की हत्या कर अपने हुकुमत को मनवाया, यजीद की सत्ता को भी मनवाया, यजीद के कानून के अनुसार मुसलमान शराब पी सकता है . सुद ब्याज खा सकता है. चोरी डकैती निर्दोष लोगों को लुट कर उसकी हत्या कर सकता है. सभी बुरी काम कर सकता है और रोजा नमाज हज भी करना है , मुहम्मद साहब के छोटे नाती इमाम हुसैन ने इस क़ानून को मानने से इन्कार कर दिया जिसके कारण यजीद 22 हजार की फौज भेजकर कर्बला के मैदान में इमाम हुसैन को 72 साथियों सहित घेर लिया और नदी तालाब के पानी पर पहरा लगा दिया और अपना कानून मनवाने के लिए मजबूर किया लेकिन इमाम हुसैन ने इन्कार कर दिया. इसी आवेश में आकर यजीद ने 3 दिन के भुखे प्यासे इमाम हुसैन के 6 माह के बच्चे सहित उनको 72 साथियों के साथ शहिद कर दिया और सभी के घरों में आग लगा दिया इमाम हुसैन के बड़े भाई इमाम हसन को यजीद का पिता मावेया ने अपनी हुकूमत के दौर में जहर देकर शहिद करवा दिया. इस लिए मुसलमान उनकी याद में ताजिया बना कर जुलूस निकालते हैं .