बिहार मोतिहारी में मंडल कारा के कैदियों को खिलाई गईं फाइलेरियारोधी दवा

बिहार मोतिहारी में मंडल कारा के कैदियों को खिलाई गईं फाइलेरियारोधी दवा

  • 2500 कैदी जेलर व कर्मी सर्वजन दवा सेवन कर हाथीपांव से हुए सुरक्षित
  • लगातार 5 वर्ष तक दवा सेवन कर हो सकते हैं सुरक्षित

मोतिहारी, 7 मार्च
फाइलेरिया जैसे गम्भीर रोग से बचाव के लिए जिले में सभी स्वस्थ लोगों को आशा व स्वास्थ्यकर्मियों की देखरेख में सर्वजन दवा का सेवन कराया जा ऱहा है। इसी कड़ी में जिले के सेन्ट्रल कारा में जेलर मनोज सिंह, एवं जेल के चिकित्सक डॉ आलोक कुमार के देखरेख में एमडीए कार्यक्रम के तहत
2500 कैदी, जेलर व जेलकर्मी ने सर्वजन दवा का सेवन किया। मौके पर मौजूद पीसीआई के मनोज कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के सहयोग से कैदियों को डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई। डॉ आलोक कुमार कुमार ने कहा कि फाइलेरिया जैसे गंभीर रोग से बचाव के लिए सभी लोगों को सर्वजन दवा का सेवन कर खुद को सुरक्षित करना चाहिए। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर दवा सेवन करने को यह टीम फाइलेरिया की दवाओं के साथ जिला कारागार में पहुंची। वहां पर कैदियों, कर्मचारियों व अधिकारियों को फाइलेरिया की दवा खिलाई गई। कैदियों को दवा खिलाने से पहले इस बात की पड़ताल की गई कि दवा खाने वालों में कोई खाली पेट या गंभीर रोग से पीड़ित न हो।

लगातार 5 वर्ष दवा सेवन कर हो सकते हैं सुरक्षित:

जिले के डीभीडीसीओ डॉ शरत चंद्र शर्मा ने बताया कि टीम द्वारा कैदियों को इस बात की भी जानकारी दी गई कि लगातार पांच साल तक फाइलेरिया की दवा खाने के बाद किसी के शरीर में फाइलेरिया के कृमि होते भी हैं तो वह समाप्त हो जाते हैं। अगर किसी को हल्का फुल्का साइड इफेक्ट हो तो घबराए नहीं यह स्वतः ठीक हो जाता है।

मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया:

भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार व सत्यनारायण उरांव ने बताया कि फाइलेरिया एक परजीवी जनित रोग है। जो मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। आमतौर पर फाइलेरिया के लक्षण शुरू में स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते। इसके लक्षण आने में कभी कभी सालों लग जाते है। प्रायः फाइलेरिया मरीजों में बुखार, बदन में खुजली व सूजन की समस्या दिखाई देती है। इसके अलावा पैरों और हाथों में सूजन, हाथीपांव और अंडकोषों की सूजन, फाइलेरिया के लक्षण हैं। फाइलेरिया हो जाने के बाद धीरे-धीरे यह गंभीर रूप लेने लगता है। इससे बचाव के लिए विभाग द्वारा साल में एकबार सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम संचालित किया जाता है। इस मौके पर जेलर मनोज सिँह, एवं जेल चिकित्सक डॉ आलोक कुमार पीसीआई के जिला प्रतिनिधि मनोज कुमार, एसएमसी लवकुश त्रिपाठी,जेल कर्मचारी व अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।

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