बिहार पटना में समय से टीबी की पहचान के लिए आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस युक्त अल्ट्रापोर्टेबल एक्सरे मशीन कारगर : डॉ. बाल कृष्ण मिश्र

बिहार पटना में समय से टीबी की पहचान के लिए आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस युक्त अल्ट्रापोर्टेबल एक्सरे मशीन कारगर : डॉ. बाल कृष्ण मिश्र

•क्लिंटन फाउंडेशन द्वारा राज्य को उपलब्ध करायी गयी है 8 पोर्टेबल एक्सरे मशीन
•एक्सरे से संभावित टीबी मरीजों की पहचान संभव

पटना- वर्ष 2025 तक यक्ष्मा उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है. अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, यक्ष्मा, डॉ. बाल कृष्ण मिश्र ने बताया कि वर्ष 2025 तक यक्ष्मा उन्मूलन की लक्ष्य प्राप्ति के लिए समुदाय के बीच जाकर संभावित टीबी मरीजों की पहचान करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि समय से टीबी की पहचान के लिए आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस युक्त अल्ट्रापोर्टेबल एक्सरे मशीन, रैपिड मोलिक्यूलर डायग्नोस्टिक का उपयोग तथा बेहतर ड्रग रेजिमेन द्वारा उपचार एवं टीबी रोग की रोकथाम कर यक्ष्मा उन्मूलन संभव है.

एक्सरे से संभावित टीबी मरीजों की पहचान संभव:

डॉ. मिश्र ने बताया कि आईसीएमआर की टीबी प्रेवेलेंस रिपोर्ट के अनुसार 42 प्रतिशत टीबी मरीजों की पहचान एक्सरे द्वारा की गयी है. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार ये ऐसे व्यक्ति थे जिनमे टीबी के लक्षण स्पष्ट रूप से नहीं पाए गए थे. डॉ. मिश्र ने बताया समुदाय में जाकर मलिन बस्तियों, ऐसे क्षेत्र जहाँ कुपोषण से ग्रसित लोगों की संख्या ज्यादा हो एवं ऐसे क्षेत्र जहाँ एक भी टीबी मरीज पाया गया है, ऐसी जगहों पर टीबी मरीजों की खोज के लिए प्रयास करने की जरुरत है. एक मरीज भी अपने परिवार के साथ साथ समुदाय में कई लोगों को संक्रमित कर सकता है इसलिय आवश्यक है कि ऐसी जगहों पर संभावित टीबी मरीजों की खोज के लिए अभियान चलाया जाये.

क्लिंटन फाउंडेशन ने उपलब्ध करायी 8 पोर्टेबल एक्सरे मशीन:

डॉ. मिश्र ने बताया कि कोविड-19 रिस्पांस मैकेनिज्म के तहत विलियम जे क्लिंटन फाउंडेशन के माध्यम से राज्य को 8 पोर्टेबल एक्सरे मशीन प्राप्त हो गयी है. हैंड हेल्ड एक्सरे मशीन हल्की एवं इस्तेमाल करने में आसान है. उन्होंने बताया कि मशीन से टीबी संक्रमण के अलावा ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर एवं पोषण के स्तर की भी जांच की जाएगी.

निम्न जिलों को उपलब्ध करायी गयी मशीन:

डॉ. मिश्र ने बताया कि वर्तमान में मुजफ्फरपुर को 2, दरभंगा को 2, मोतिहारी को 2, तथा सारण एवं पूर्णिया को 1-1 मशीन आवंटित की गयी है. इसके कारण दूरस्थ तथा कठिन क्षेत्रों में भी टीबी रोगियों की जांच में आसानी होगी. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के बेहतर संचालन के लिए क्लिंटन फाउंडेशन द्वारा 1 जिला सुपरवाइजर, 1 एक्सरे टेक्नीशियन एवं 2 कम्युनिटी समन्वयक उक्त जिलों के लिए उपलब्ध कराये गए हैं.

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