सनोवर खान ब्यूरो प्रमुख पटना के साथ रोहित कुमार की रिपोर्ट
पटना:गर्दनीबाग थाना में पद स्थापित सिपाही शंकर सुन्दरम के द्वारा आए दिन पैसे लेनदेन का मामला प्रकाश में आ रहा था। शंकर सुंदरम एक भ्रष्ट सिपाही माने जाते है पासपोर्ट मामले एबं कोई भी केस को लेकर थाने में सेटिंग वेटिंग कर पैसे उगाही करने का कार्य करते हैं।सूत्रों के अनुसार गर्दनीबाग थाना में पद स्थापित सिपाही शंकर सुंदरम एक भ्रष्ट सिपाही है अधिकारी से लेकर आला अधिकारी तक नहीं करते हैं कोई कार्रवाई। स्टाफों के द्वारा समझाए जाने पर उन्हें फसाने के दी जाती है धमकी। वीडियो या फोटो को माध्यम से आप देख सकते हैं कि गर्दनीबाग थाना में पद स्थापित सिपाही शंकर सुंदरम कैसे पैसे लेनदेन कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि सिपाही शंकर सुंदरम शराब माफिया,गांजा तस्कर ,गेसिंग जैसे में सम्मिलित होकर पैसे उगाही का कार्य करते है और हाँ शंकर सुंदरम के खिलाफ कई सारे आवेदन जनता के द्वारा शंकर सुंदरम के खिलाफ में दिया गया है लेकिन आला अधिकारी उनकी कार्रवाई तो दूर सहानुभूति देकर आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं
आपकी नहीं पैसे की है पुलिस, आम लोगों की थाने में नहीं होती सुनवाई। पुलिस अफसर लाख दावे करें कि खाकी वर्दी आपकी दोस्त है लेकिन हकीकत में उसका रवैया अनजानों से भी बदतर है। शहर के थानों में बैठी पुलिस को जनता के दुख-दर्द से कोई लेना देना नहीं। पुलिसिया रौब झाड़ना और वर्दी की धौंस दिखाना ही उनकी शैली है। जनता के प्रति असंवेदनशील पुलिस एफआईआर तो छोड़िए थानों में आवेदन भी बिना रिश्वत के नहीं लेती है।
आपका मामला कितना भी गंभीर हो इस बात की गारंटी नहीं कि सुनवाई हो ही जाएगी।
यही कारण है कि आम आदमी में पुलिस का खौफ है जबकि गुंडे-बदमाश बेखौफ हैं।
शहर में अतिक्रमण से लेकर अपराधियों की उपस्थिति तक प्रत्येक समस्या की जड़ पुलिस कर्मियों का कमाई की जुगाड़ में घूमना है। हेलमेट अभियान से लेकर रात्रि गश्त करने वाले पुलिसकर्मी आर्थिक हित साधने के हिसाब से ही कार्रवाई करते हैं। यही कारण है कि सड़कों पर पसरा अतिक्रमण इनकी नजर में नहीं आता और यदि आता भी है तो उसे हटाने के बजाय उसके जरिये भी ये अतिरिक्त अाय की व्यवस्था बनाते हैं।