भगवान परशुराम की जयंती मनाई गई
रिपोर्ट विश्व मोहन चौधरी संत का
पटना
भगवान श्री परशुराम जी की जयंती भगवान विष्णु के छठे अवतार के रूप में मनाया गया। पूरे बिहार में बड़ी श्रद्धा की साथ मनाए जाने वाला यह शुभ अवसर हमें वीरता, सत्य, धार्मिकता और अनुशासन जैसे गुनो को याद दिलाता है।स्थानीय विद्यापति भवन में इन्हीं गुनो की चर्चा के साथ हमारे भारत सरकार के पूर्व मंत्री माननीय अश्वनी चौबे इस जयंती समारोह में उपस्थित होकर अपनी भागीदारी दी।
पूर्व भारत सरकार के मंत्री अश्विनी चौबे ने उन्हें कुल्हाड़ी वाले राम के नाम से संबोधित कर शिव के प्रति उनकी भावना और भक्ति को अमर कहा।
उन्होंने आगे कहा की छठे अवतार स्वरूप भगवान परशुराम की दिव्या जन्मस्थली के रूप में प्रसिद्ध जना पाव को हिंदू समुदाय के बीच एक पवित्र स्थल के रूप में पूजा जाता है।इस स्थल को श्री परशुराम मंदिर एक प्रमुख आकर्षण के रूप में खड़ा देखा जाता है।
अयोध्या से आए अंतरराष्ट्रीय कथा व्यास पंडित इंद्रसेन कौशिक जी महाराज ने अपने वक्तव्य में कहा की भगवान राम ने ही रावण का वध किया था और भगवान परशुराम उसे युग में नहीं थे।साथी परशुराम के पृथ्वी पर आने का उद्देश्य राम से अलग था,लेकिन परशुराम ने अस्त्र और शास्त्र का पाठ लोगों को बताया।
इस जयंती समारोह को अध्यक्षता राष्ट्रीय संयोजक प्रदेश अध्यक्ष परशुराम सेवा संघ सह राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा के जितेंद्र मिश्रा ने बखूबी किया। साथ ही अन्य अतिथि में पंडित कामेश्वर झा,उपाध्यक्ष बिहार राज्य उत्तर शिक्षा परिषद, राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता पंडित मृत्युंजय तिवारी, लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रवक्ता राजेश भट्ट, साथ ही गरीब जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अशोक झा ने इस जयंती समारोह को संबोधित किया जयंती समझ में कई लोगों को महिलाओं को सम्मानित भी किया गया। कुल मिलाकर भगवान परशुराम की जयंती समारोह अपने आप में एक अलग मिसाल कायम किया।साथ ही भक्तों ने एक जोर के साथ सरकार से आह्वान किया कि उनकी आदामकद प्रतिमा राजधानी के किसी चौक पर लगाया जाए। साथ ही परशुराम जी के जयंती के एक दिन का अवकाश भी दिया जाए।
