27 जून से 10 जुलाई तक जिले में मनेगा सामुदायिक उत्प्रेरण पखवाड़ा
- 11 से 31 जुलाई तक मनाया जाएगा ‘जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा”
- आशा, आंगनबाड़ी सेविका, जीविका दीदी, विकास मित्र निभाएंगे भूमिका
मोतिहारी, 20 जून
बढ़ती जनसंख्या को लेकर जन समुदाय को जागरूक करने के उद्देश्य से जिले में सामुदायिक उत्प्रेरण पखवाड़ा और ‘जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा’ का आयोजन किया जाएगा। सिविल सर्जन ने बताया कि अवांछित गर्भधारण के कारण मातृ-मृत्यु दर एवं नवजात स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए गर्भ निरोधक, आपातकालीन स्थायी व अस्थायी उपाय एवं परामर्श सेवाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। जिला आशा समन्वयक नंदन झा ने बताया कि 27 जून से 10 जुलाई तक समुदायिक उत्प्रेरण पखवाड़ा एवं 11 जुलाई से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का थीम “विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दम्पति की शान” है।
इसके तहत जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना, परिवार नियोजन कार्यक्रम अंतर्गत उपलब्ध सेवाओं की जानकारी आमजन तक पहुंचाना तथा योग्य दम्पतियों को इच्छित सेवा प्रदान करना मुख्य उद्देश्य है। इसमें समुदाय स्तर पर आशा, आंगनबाड़ी सेविका, जीविका दीदी, विकास मित्र आदि महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
सही उम्र में शादी, पहले बच्चे में देरी और दो बच्चों के बीच अंतर जरूरी:
डीसीएम नंदन झा ने बताया कि जनसंख्या स्थिरीकरण हेतु सही उम्र में शादी, पहले बच्चे में देरी, दो बच्चों के बीच सही अंतर तथा छोटा परिवार के लाभ के बारे में आमजन को जागरूक किया जाएगा। माँ और शिशु स्वास्थ्य को बेहतर करने तथा गर्भनिरोधक उपायों को अपनाने हेतु परामर्श दिया जाएगा। पखवाड़ा के दौरान परिवार नियोजन सेवाओं के तहत् प्रदान की जाने वाली सेवा यथा- कॉपर-टी, गर्भनिरोधक सूई/ एमपीए बंध्याकरण एवं नसबंदी की सेवा प्रदान करने पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया जाएगा। पीएसआई इंडिया के जिला समन्वयक अमित कुमार ने बताया कि पखवाड़ा को सफल बनाने हेतु सांसद, विधायक, पंचायती राज संस्था के सदस्य, स्थानीय शहरी निकाय, स्वास्थ्य कर्मी एवं सिविल सोसायटी के सदस्य के साथ प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल मीडिया चैनलों का सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि महिला बंध्याकरण का लक्ष्य 2 हजार 150, पुरुष नसबन्दी 160, आयुसीडी 4 हजार 745, अंतरा सुई 5 हजार 500, माला 93 हजार 680, कंडोम 2 लाख 34 हजार 200, इसीपी 40 हजार 840, छाया टेबलेट 93 हजार 680 का पूरा किया जाना है।
जनसंख्या स्थिरीकरण हेतु जागरूकता जरूरी:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी भारत भूषण ने बताया कि जिले में जनसंख्या नियंत्रण हेतु जागरूकता बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में महिला बंध्याकरण व पुरुष नसबन्दी कराई जाती है। महिला बंध्याकरण से पुरुष नसबंदी की प्रक्रिया सरल है। पुरुष नसबंदी को लेकर समाज में कई प्रकार का भ्रम फैला हुआ है। इस भ्रम को तोड़ना होगा। छोटा परिवार सुखी परिवार की अवधारणा को साकार करने के लिए पुरुष को आगे बढ़कर जिम्मेदारी उठाने की जरूरत है। नसबंदी के लिए पुरुष लाभार्थी को 3000 रुपए एवं महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थी को 2000 रुपए की प्रोत्साहन की राशि उनके खाते में भेजी जाती है।