बिहार, बेतिया जिले में 11 से 31 जुलाई तक ‘जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा” मनाया जाएगा- डीसीएम राजेश कुमार

जिले में 11 से 31 जुलाई तक ‘जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा” मनाया जाएगा- डीसीएम राजेश कुमार

  • जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति जागरूक करते हुए योग्य दम्पत्तियों तक परिवार नियोजन कार्यक्रम पहुंचाई जाएगी

बेतिया। 01 जुलाई
जिले में दम्पति सम्पर्क पखवाड़ा आशा व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोग से चलाई जा रही है। इसके बाद 11 जुलाई से 31 जुलाई तक सभी 18 प्रखंडों के स्वास्थ्य केंद्रों में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा। जिले के डीसीएम राजेश कुमार ने बताया कि इस पखवाड़े के दौरान जिले में जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति जागरूकता, परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत उपलब्ध सेवाओं की जानकारी तथा योग्य दम्पतियों को इच्छित सेवा प्रदान किया जाएगा। जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के बेहतर प्रबंधन एवं अन्य विभागों से समन्वय हेतु प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में सम्बद्ध विभाग के पदाधिकारी/ सलाहकार के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा। समुदाय स्तर पर आमजन को उत्प्रेरित करने में आशा, आंगनबाड़ी सेविका, जीवका दीदी, विकास मित्र आदि की भागीदारी सुनिश्चित कराई जाएगी।

जिले का औसत प्रजनन दर 3.1:

डीसीएम राजेश कुमार ने कहा कि पश्चिमी चम्पारण जिले ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए कुल औसत प्रजनन दर (टीएफआर) 3.1 प्राप्त किया है। इस विश्व जनसंख्या दिवस पर प्रत्येक योग्य दम्पत्ति तक पहुंच और जनसंख्या स्थिरीकरण के सपने को साकार करने का संकल्प लेने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा लोगों को जागरूक किया जाएगा। राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा सिविल सर्जन-सह-सदस्य सचिव, जिला स्वास्थ्य समिति को पत्र लिखा गया है कि परिवार नियोजन सेवाओं की अनुपलब्धता, अवांछित गर्भधारण के कारण मातृ- मृत्यु दर एवं नवजात स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है। अतःजनसंख्या नियंत्रण हेतु मुख्य रूप से गर्भनिरोधक, आपातकालीन स्थायी व अ स्थायी उपाय एवं परामर्श सेवाएं पर ध्यान केंद्रित किया जाए।

सही उम्र में शादी, पहले बच्चे में देरी, बच्चों के बीच अंतर की जानकारी होनी जरूरी: डीपीसी

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी अमित कुमार ने कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण हेतु लोगों को सही उम्र में शादी, पहले बच्चे में देरी, बच्चों के बीच सही अंतर तथा छोटा परिवार के लाभ के बारे में आमजन को जागरूक किया जाएगा। वहीं माँ और शिशु स्वास्थ्य को बेहतर करने तथा गर्भनिरोधक उपायों को अपनाने हेतु परामर्श दिया जाएगा। पखवाड़ा के दौरान परिवार नियोजन सेवाओं के तहत् प्रदान की जाने वाली सेवा यथा- कॉपर-टी, गर्भनिरोधक सूई/एमपीए बंध्याकरण एवं नसबंदी की सेवा प्रदान करने पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया जाएगा। पखवाड़ा के सफल आयोजन हेतु सांसद, विधायक, पंचायती राज संस्था के सदस्य, शहरी स्थानीय निकाय, स्वास्थ्य कर्मी एवं सिविल सोसायटी के सदस्य के साथ ही प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल मीडिया चैनलों का सहयोग लिया जाएगा। जिले में जनसंख्या नियंत्रण हेतु जागरूक करना बेहद जरूरी है। तभी बढ़ती जनसंख्या पर रोक लग सकेगी। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में महिला बंध्याकरण व पुरुष नसबन्दी कराई जाती है। उन्होंने कहा कि महिला बंध्याकरण से पुरुष नसबंदी की प्रक्रिया सरल है। पुरुष नसबंदी को लेकर समाज में कई प्रकार का भ्रम फैला हुआ है। इस भ्रम को तोड़ना होगा। नसबंदी के लिए पुरुष लाभार्थी को 3000 रुपए एवं महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थी को 2000 रुपए की प्रोत्साहन की राशि लाभार्थियों के खाते में भेजी जाती है।

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