विश्व मानवाधिकार दिवस के पूर्व संध्या पर भव्य परिचर्चा सह सम्मान समारोह आयोजित

विश्व मानवाधिकार दिवस के पूर्व संध्या पर भव्य परिचर्चा सह सम्मान समारोह आयोजित

समारोह में पहुंचे पद्मश्री डॉ. जे.के.सिंह, पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री वी. के. प्रसाद गुप्ता एवं पूर्व जेल अधीक्षक सुरेंद्र गुप्ता

वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर स्थित वैशाली महिला महाविद्यालय के सभागार में विश्व मानवाधिकार दिवस के पूर्व संध्या पर मानवाधिकार संरक्षण को समर्पित संस्था मानवाधिकार टुडे और सेहत केंद्र, वैशाली के संयुक्त तत्वावधान में भव्य परिचर्चा सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। समारोह का उद्घाटन पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री वी. के. प्रसाद गुप्ता, प्रसिद्ध कैंसर रोग विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ जे. के. सिंह, पूर्व ए.डी.एम. श्री कैलाश मिश्रा और पूर्व जेल अधीक्षक श्री सुरेंद्र कुमार गुप्ता दीप प्रज्वलित कर संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मानवाधिकार पत्रकारिता के संवाहक डॉ शशि भूषण कुमार ने किया।
समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में हाजीपुर के पूर्व चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अमर आलोक और डीआरसीसी वैशाली के प्रबंधक रोशन आरा उपस्थित हुए।
वैशाली महिला महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. अलका ने आगत सभी अतिथियों का स्वागत किया।
समारोह के प्रथम सत्र में ‘महिला उत्पीड़न एवं मानवाधिकार’ विषय पर विस्तार से परिचर्चा और दूसरे सत्र में भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए श्री वी. के. प्रसाद गुप्ता ने कहा कि मानवाधिकार का संरक्षण लोकतंत्र का सशक्तीकरण है।
उन्होंने आगे कहा कि समावेशी लोकतंत्र की स्थापना के लिए न्याय का सुलभ होना नितांत आवश्यक है और न्यायिक प्रक्रिया त्वरित व लचीली होनी चाहिए। पद्मश्री डॉ. जे. के. सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय संविधान ने अनेकों अधिकार दिए है। साथ ही भाग 4क में मौलिक कर्तव्यों की चर्चा की गई है। हमें अपने अधिकारों के उपभोग के साथ-साथ कर्तव्यों के पालन पर भी बल देना चाहिए। समारोह के अध्यक्ष डॉ शशि भूषण कुमार ने कहा कि समाज को सशक्त करने के लिए महिलाओं के अधिकारों का संरक्षण नितांत आवश्यक है और इसके संरक्षण के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। श्री कैलाश मिश्रा ने कहा कि 10 दिसंबर को प्रतिवर्ष विश्व मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है क्योंकि 10 दिसंबर, 1948 को मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणापत्र को संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा ने स्वीकार किया था। उन्होंने हर परिस्थिति में मानवाधिकार के संरक्षण की बात कही। श्री सुरेंद्र गुप्ता ने अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि जेल में मानवाधिकार संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है और जेल प्रशासन कैदियों के मानवाधिकार संरक्षण के लिए पूर्ण समर्पित होता है। डॉ. प्रो. अलका ने कहा कि वैशाली महिला महाविद्यालय द्वारा समय-समय पर विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन कर छात्राओं को उनके अधिकारों के संबंध में जानकारी प्रदान करने का कार्य किया जाता है। महाविद्यालय छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए कृत संकल्पित है। मानव अधिकार कार्यकर्ता अमित कुमार ‘विश्वास’ ने कहा कि भारतीय संविधान के विभिन्न प्रावधानों में मानवाधिकार संरक्षण की बात की गई है। उन्होंने आगे कहा कि संविधान के भाग 3 में 6 प्रकार के मौलिक अधिकारों की चर्चा की गई है। मौलिक अधिकारों के हनन होने पर अनुच्छेद 32 और 226 के तहत
सर्वोच्च और उच्च न्यायालय में अपील किया जा सकता है। छात्रा सेजल कुमारी ने अपने विचारों को प्रस्तुत करते हुए कहा कि नारी के अस्तित्व से ही मानव के यश का विस्तार होता है, जिसका हर मानव को सम्मान करना चाहिए। समारोह को सेहत केंद्र वैशाली महिला महाविद्यालय हाजीपुर की नोडल पदाधिकारी डॉ अंजू कुमारी, महाविद्यालय की बरशर डॉ रेशमा सुल्ताना, उर्दू विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ शबनम ने भी संबोधित किया।
समारोह में मंच संचालन शिक्षाविद कौशर प्रवेज और धन्यवाद ज्ञापन कुंदन कृष्णा ने दिया। समारोह में “नेशनल ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन अवार्ड – 2024” से अधिवक्ता जग्गनाथ कुमार ज्वाला, उद्यमी उमेश कुमार सिंह, समाजसेवी अवध किशोर मिश्रा, उद्यमी अलका श्री और समाजसेवी सुधीर कुमार शुक्ला को सम्मानित किया गया।
समारोह में समाजसेवी महेश प्रसाद राय, डॉ अजीम अंसारी, आदिल प्रवेज, पिंकी कुमारी, सुष्मिता सिंह, रूबी कुमारी, साहित्यकार मेदिनी कुमार मेनन, साहित्यकार डॉ नंदेश्वर प्रसाद सिंह सहित बड़ी संख्या महाविद्यालय के शिक्षक -शिक्षिकाएं, कार्मिक, छात्राएं एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित हुए। परिचर्चा में उपस्थित सभी व्यक्तियों को सहभागिता प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।

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