विपिन तिवारी को बचाने के लिए आलोक मेहता को फंसाया जा रहा है।
आज सुबह राजद के कद्दावर नेता आलोक मेहता जी के घर ED की टीम पहुँची। एक ऐसे मामले में उनके घर Raid की जा रही है जिसके F.I.R में दूर-दूर तक उनका नाम नहीं है। जिस तरीक़े से IRCTC वाले मामले में तेजस्वी जी को जबरन बदनाम करने के लिए परेशान किया गया अब भाजपा की जाँच एजेंसी वही गंदा काम आलोक जी के साथ कर रही है।
ये पूरा मामला वैशाली शहरी को-ऑपरेटिव बैंक से जुड़ा है जहाँ 83.50 करोड़ का गबन हुआ है। जालसाजी की जो भी घटनाएं हुई वो दिसंबर 2020 से 2023 तक की है। आलोक मेहता यहाँ साल 2012 तक ही अध्यक्ष रहें।
F.I.R की कॉपी पढ़िए।
- मुख्य आरोपी – विपिन तिवारी (बैंक का CEO)
- संजीव कुमार – अध्यक्ष
- सैयद शाहनवाज वजी – प्रबंधक हाजीपुर शाखा
- F.I.R में आलोक मेहता का कहीं नाम नहीं है। उनकी गलती केवल इतनी है कि वो कुशवाहा समाज से हैं और राजद में है। समाजवादी हैं। बाबू जगदेव प्रसाद के उसूलों पर चल रहें हैं। भाजपा-आरएसएस से समझौता नहीं करते।
विपिन तिवारी को क्यों बचाया जा रहा है, इसका जवाब मैं आपके विवेक पर छोड़ता हूँ।
F.I.R की कॉपी आप भी पढ़ लीजिए।