बिहार बगहा के कैदियों ने किया फाइलेरियारोधी दवा का सेवन

उप कारा बगहा के कैदियों ने किया फाइलेरियारोधी दवा का सेवन

  • सर्वजन दवा का सेवन कर हाथीपाँव से हुए सुरक्षित
  • लगातार 5 वर्ष तक दवा सेवन कर हो सकते हैं सुरक्षित

बेतिया, 21 फ़रवरी

फाइलेरिया जैसे गम्भीर रोग से बचाव के लिए जिले में सभी स्वस्थ लोगों को आशा व स्वास्थ्यकर्मियों की देखरेख में सर्वजन दवा का सेवन कराया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले के उप कारा बगहा में कारा अधीक्षक मनोज कुमार एवं जेल के चिकित्सक संदीप कुमार राय की मौजूदगी में एमडीए कार्यक्रम के तहत 236 कैदी एवं 40 कारा स्टाफ को सर्वजन दवा खिलाया गया। मौके पर मौजूद पिरामल स्वास्थ्य से डीएल राजू सिंह एवं श्याम सुन्दर कुमार ने बताया कि
कारा अधीक्षक की देखरेख में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के द्वारा कैदियों को डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई। कारा अधीक्षक मनोज कुमार ने कहा कि फाइलेरिया जैसे गंभीर रोग से बचाव के लिए सभी लोगों को सर्वजन दवा का सेवन कर खुद को सुरक्षित करना चाहिए। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर दवा सेवन करने को यह टीम फाइलेरिया की दवाओं के साथ जिला कारागार में पहुंची। वहां पर कैदियों, कर्मचारियों व अधिकारियों को फाइलेरिया की दवा खिलाई गई। कैदियों को दवा खिलाने से पहले इस बात की पड़ताल की गई कि दवा खाने वालों में कोई खाली पेट या गंभीर रोग से पीड़ित न हो।

लगातार 5 वर्ष दवा सेवन कर हो सकते हैं सुरक्षित:

जिले के डीभीडीसीओ डॉ हरेंद्र कुमार ने बताया कि कैदियों को इस बात की भी जानकारी दी गई कि लगातार पांच साल तक फाइलेरिया की दवा खाने के बाद किसी के शरीर में फाइलेरिया के कृमि होते भी हैं तो वह समाप्त हो जाते हैं। अगर किसी को हल्का फुल्का साइड इफेक्ट हो तो घबराए नहीं यह स्वतः ठीक हो जाता है।

मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया:

सिविल सर्जन डॉ श्रीकांत दुबे ने बताया कि फाइलेरिया एक परजीवी जनित रोग है। जो मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। आमतौर पर फाइलेरिया के लक्षण शुरू में स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते। इसके लक्षण आने में कभी कभी सालों लग जाते है। प्रायः फाइलेरिया मरीजों में बुखार, बदन में खुजली व सूजन की समस्या दिखाई देती है। इसके अलावा पैरों और हाथों में सूजन, हाथीपांव और अंडकोषों की सूजन, फाइलेरिया के लक्षण हैं। फाइलेरिया हो जाने के बाद धीरे-धीरे यह गंभीर रूप लेने लगता है। इससे बचाव के लिए विभाग द्वारा साल में एकबार सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम संचालित किया जाता है। इस मौके पर पिरामल स्वास्थ्य से डीएल राजू सिंह, पीएल अब्दुल्लाह अंसारी, एसडीसी श्याम सुन्दर कुमार एवं धर्मेंद्र यादव व अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।

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