दिसंबर 2025 तक 50 प्रतिशत स्वास्थ्य संस्थानों के एनक्यूएएस प्रमाणीकरण का लक्ष्य

दिसंबर 2025 तक 50 प्रतिशत स्वास्थ्य संस्थानों के एनक्यूएएस प्रमाणीकरण का लक्ष्य

-अब प्रत्येक माह होगा “की इंडिकेटर परफॉरमेंस” और “पेशेंट सटिस्फैक्टरी सर्वे”
-एनक्यूएएस प्रमाणीकरण से स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर

पटना। 21 अगस्त
राज्य में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एनक्यूएएस प्रमाणीकृत स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। राज्य स्वास्थ्य समिति में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में अगले साल तक इसमें प्रत्येक जिले से उसके 50 प्रतिशत स्वास्थ्य संस्थानों को एनक्यूएएस से प्रमाणीकृत करने का निर्देश दिया गया है। बैठक में बताया गया कि एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए चल रहे प्रयासों को भारत सरकार के द्वारा निरंतर अवलोकन किया जा रहा है।

एनक्यूएएस के राष्ट्रीय असेसर डॉ माहताब सिंह ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्य केंद्रों के एनक्यूएएस प्रमाणीकरण से प्राथमिक स्तर पर मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा। गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं भी बढेंगी। स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों के लिए मिलने वाली सुविधाओं से स्थानीय लोगों का विश्वास स्वास्थ्य सुविधाओं पर बढ़ेगा। वहीं इसके दूरगामी परिणामों में हेल्थ इंडिकेटरों में भी वृद्धि होगी।

मालूम हो कि राज्य के 23 जिलों में एनक्यूएएस प्रमाणीकृत स्वास्थ्य संस्थान मौजूद हैं। जिन जिलों में नेशनल लेवल एनक्यूएएस प्रमाणित स्वास्थ्य संस्थान नहीं हैं वहां के जिला कार्यक्रम प्रबंधकों को निर्देशित किया गया है कि वे जिले के सभी संस्थानों का इंटरनल असेसमेंट प्रत्येक त्रैमास में संस्थान के क्वालिटी टीम के द्वारा करें। इसके बाद प्राप्त इंटरनल असेसमेंट रिपोर्ट का संकलन एवं समीक्षा जिला स्तर पर गठित जिला स्तरीय क्वालिटी एश्योरेंस यूनिट द्वारा कराएं। वहीं प्रत्येक माह सभी स्वास्थ्य संस्थानों से की परफॉर्मेंस इंडिकेटर तथा पेशेंट सटिस्फैक्शन सर्वे भी अगले माह के 5 तारीख तक राज्य को सुपुर्द कर दें।

अधिक से अधिक स्वास्थ्य संस्थानों के एनक्यूएएस प्रमाणीकरण को सही मानते हुए मुजफ्फरपुर के डीपीएम रेहान अशरफ कहते हैं कि हाल ही में यूपीएचसी के कन्हौली को एनक्यूएएस का प्रमाणीकरण मिला है। इसका असर स्पष्ट तौर पर वहां मिलने वाली 12 तरह की सेवाओं पर दिखता है। इससे “की इंडिकेटर परफोरमेंस” में बढ़ोतरी हुई है। एएनसी,टीकाकरण,ओपीडी, परिवार नियोजन, आउटरीच में होने वाली एक्टिविटी का विस्तार हुआ है। जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में एनक्यूएएस पाने की होड़ लगी है।

वहीं वैशाली के धनुषी एचडब्ल्यूसी की सीएचओ सुप्रिया कुमारी कहती हैं कि पेशेंट सटिस्फैक्टरी सर्वे से संस्थान पर उपलब्ध सेवाओं का विस्तार होगा। केंद्र पर इंफ्रा का विकास होगा,जिसका सीधा असर वहां के स्वास्थ्य सुविधाओं का पड़ेगा। स्वस्थ माहौल का निर्माण होगा जो स्वास्थ्य के चहुंमुखी विकास के लिए जरूरी है।

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