प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत क्यूब रूट्स फाउंडेशन ने 150 टीबी मरीजों के बीच किया पौष्टीक पोषाहार का वितरण

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत क्यूब रूट्स फाउंडेशन ने 150 टीबी मरीजों के बीच किया पौष्टीक पोषाहार का वितरण

  • गाँधी जयंती को यादगार बनाते हुए केंद्रीय एवं राज्य स्तरीय टीम के देखरेख में हुआ पोषण पोटली का वितरण
  • यक्ष्मा रोगियों के लिए मददगार बनने का धर्मा राव ने किया आह्वान
  • 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित

मोतिहारी। 02 अक्टूबर
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की जयंती दो अक्टूबर एवं जिला स्थापना दिवस को यादगार बनाते हुए केंद्रीय एवं राज्य स्तरीय टीम के देखरेख में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत क्यूब रूट्स फाउंडेशन के अधिकारियों के सहयोग से 150 टीबी मरीजों को गोद लेते हुए पौष्टीक पोषाहार के कीट का वितरण किया गया। मौके पर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के सेन्ट्रल कोऑर्डिनेटर धर्मा राव ने बताया की भारत में 1 लाख 71 हजार से अधिक निक्षय मित्र 20 लाख से अधिक टीबी रोगियों के लिए मददगार बने है। उन्होंने कहा की टीबी मरीजों की सहायता में “प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान” के अंतर्गत निक्षय मित्र योजना का अच्छा योगदान मिल रहा है। लोग निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों की मदद कर रहें हैं।
टीबी मरीजों के समक्ष उपचार के दौरान होने वाले खर्च के अलावा पौष्टिक आहार की भी आवश्यकता आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तिओं को होती है। ऐसे में उनके समक्ष उपचार और जीवन यापन एक चुनौती बन जाती है।

2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित:

क्यूब रूट्स फाउंडेशन के रिजनल हेड संजय राय ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, इस कठिन लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सरकार के साथ समाज की भागीदारी आवश्यक है। जन-जन को इस अभियान से जोड़ने के लिए सन 2022 में “निक्षय मित्र योजना” की शुरुआत की गईं है। जिसके तहत निक्ष्य मित्र बनकर हमलोगो ने मरीजों को गोद लिया है। डॉ सुनील कुमार नें कहा की ‘निक्षय मित्र योजना’ के तहत कोई भी व्यक्ति, समूह या संस्थायें मरीजों को पोषण, उपचार व आजीविका में मददगार बनकर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में अपना योगदान दे सकते हैं। यह पूर्णतः स्वेच्छिक योजना है, जिसके तहत व्यक्ति या संस्था द्वारा एक मरीज के लिए प्रतिमाह 500 रुपये का योगदान देना होता है। इस राशि से विभाग द्वारा मरीजों के उपचार के दौरान अस्पताल अथवा घर पहुंचा कर पोषण आहार की टोकरियाँ प्रदान की जाती है। कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था कम से कम 6 माह तथा अधिकतम 3 साल के लिए एक अथवा एक से अधिक मरीजों को सहयोग प्रदान कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें स्वास्थ विभाग से पंजीयन कराना होता है, ऑनलाइन पंजीयन की भी व्यवस्था है।

रोगियों को दवाओं के साथ नि:शुल्क उपचार की सुविधा भी प्रदान की जा रही है:

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ संजीव नें बताया की राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन योजना के तहत जिले के सभी रोगियों को टीबी रोधी दवाओं के अलावा नि:शुल्क उपचार की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। उन्होंने अपील करते हुए कहा की जन सरोकार से जुड़े लोग इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले, आर्थिक रूप से सक्षम व्यक्ति, कारोबारी, स्वयंसेवी संस्थाएं एवं अर्द्ध सरकारी संस्थाएं ‘निक्षय मित्र’ बनने के लिए आगे आएं।

मौके पर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के सेन्ट्रल कोऑर्डिनेटर धर्माराव, राज्य स्वास्थ्य समिति के स्टेट प्रोजेक्ट ऑफिसर विकास कुमार, डब्लएचओ के राज्य प्रतिनिधि डॉ गौरव, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ संजीव, नोडल चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार, क्यूब रूट्स फाउंडेशन के रिजनल हेड संजय राय, स्नेही अग्रवाल, अमरेंद्र कुमार, वर्ल्ड विजन प्रतिनिधि जीतेन्द्र कुमार, सिफार प्रतिनिधि सिद्धांत कुमार व अन्य लोग मौके पर मौजूद थें।

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