मधुबनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का कायाकल्प टीम ने किया निरीक्षण

मधुबनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का कायाकल्प टीम ने किया निरीक्षण

  • बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था होने पर मिलेगा राज्य द्वारा पुरस्कार
  • ओपीडी, प्रसव-कक्ष और लैब का डॉ ए के तिवारी व टीम ने किया अवलोकन

बेतिया। 04 अक्टूबर
जिला स्वास्थ्य समिति के दिशा निर्देश के अनुसार कायाकल्प प्रमाणीकरण हेतु बगहा अनुमण्डलीय अस्पताल के अधीक्षक
डॉ अशोक कुमार तिवारी के नेतृत्व में जीएनएम पंकज कुमार और हॉस्पिटल मैनेजर अमरेश कुमार द्वारा आज शुक्रवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मधुबनी का इंटरनल असेसमेंट कायाकल्प कार्यक्रम के तहत किया गया। मौके पर उपाधीक्षक डॉ अशोक कुमार तिवारी ने बताया कि कायाकल्प प्रमाणीकरण हेतु ओपीडी, प्रसव-कक्ष और लैब के साथ सफाई व्यवस्था का टीम के साथ अवलोकन किया जहां कई व्यवस्थाओं में अविलम्ब सुधार की बातें बताई गई, ताकि उक्त संस्थान को कायाकल्प पुरस्कार प्राप्त हो सकें। उन्होंने बताया की एस्सेस्मेंट की गाइडलाइन के तहत जांच की रिपोर्ट जिले के पदाधिकारीयों को सौंपी जाएगी। उसके बाद व्यवस्था में सुधार एवं नियम अनुकूल पाए जाने पर राज्य की टीम द्वारा मूल्यांकन करने के बाद स्वास्थ्य संस्थानों को अवार्ड और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। डॉ तिवारी ने कहा की अस्पताल परिसर में साफ सफाई व शांतिपूर्ण वातावरण बेहद जरुरी है।
प्रसव-कक्ष और लैब, आउटडोर, इंडोर के साथ दवा वितरण की व्यवस्था का भी जांच-परख की गईं है।

स्वास्थ्य व्यवस्था मानक अनुरूप होने पर मिलता है पुरस्कार:

निरीक्षण के क्रम में टीम के सदस्यों ने कई सुझाव दिए। सदस्यों ने बताया कि कायाकल्प योजना केंद्र सरकार चला रही है। इसके अन्तर्गत मानक के अनुसार व्यवस्थित अस्पताल को इनाम दिया जाता है। पहले चरण में राज्य स्वास्थ समिति को जिलास्तर से रिपोर्ट भेजी जाती है। इसके बाद राज्यस्तरीय टीम व्यवस्था का मूल्यांकन करती है। मानक अनुरूप स्वास्थ्य व्यवस्था पाए जाने पर स्वास्थ्य केंद्र पुरस्कृत किए जाते हैं। कायाकल्प योजना के तहत उच्च स्तर पर रख-रखाव, सफ़ाई के साथ पीने के लिए स्वच्छ एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, अस्पताल परिसर में बने शौचालयों की सफाई, बेहतर गुणवत्तापूर्ण व्यवस्था व व्यवहार अपनाने वाले कर्मियों सहित अस्पताल को प्रमाण पत्र के साथ ही नकद राशि भी देने का प्रावधान है। अस्पताल में प्रसव के लिए आई सभी महिलाओं की प्रसव से संबंधित खतरों के लक्षणों की जांच, परामर्श व विशेष निगरानी सुनिश्चित होना आवश्यक है। इस मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आनंद कुमार, बीसीएम/बीएचएम हीरामन चौधरी व अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।

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