बिहार मितिहारी,राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत सीडीपीओ एवं बीईओ के एक दिवसीय जिला स्तरीय उन्मुखीकरण का हुआ आयोजन

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत सीडीपीओ एवं बीईओ के एक दिवसीय जिला स्तरीय उन्मुखीकरण का हुआ आयोजन

  • जागरूकता के साथ धरातल पर स्वास्थ्य कार्यक्रम को पहुंचाए- प्रभारी डीएम शैलेन्द्र कुमार भारती
  • आरबीएसके कार्यक्रम में पूरे बिहार में नंबर एक पर है पूर्वी चम्पारण
  • राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने पर स्वास्थ्य कर्मी हुए पुरस्कृत

मोतिहारी, 23 अक्टूबर

जिला समाहरणालय के राधाकृष्ण भवन में प्रभारी डीएम शैलेन्द्र कुमार भारती एवं सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार सिंह की अध्यक्षता में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अन्तर्गत सभी प्रखंडो के शिक्षा पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों व जिला स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों की संयुक्त एकदिवसीय उन्मुखीकरण आयोजित की गईं। जिसमें सीएस ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम व मुख्यमंत्री बाल ह्रदय योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया की यह स्वास्थ्य विभाग की बहुत बड़ी योजना है, इसके अन्तर्गत बच्चों को 42 प्रकार की बिमारियों से सुरक्षा हेतु जिले में आरबीएसके चलन्त चिकित्सक दलों द्वारा समय समय पर आँगनबाड़ी केंद्रों व सरकारी विद्यालयों में स्क्रीनिंग की जाती है। उन्होंने बताया की पूरे बिहार में नंबर एक पर जिले को स्थान प्राप्त है।

व्हाट्सप्प ग्रुप बनाकर समन्वय पूर्वक कार्य करें:

प्रभारी डीएम शैलेन्द्र कुमार भारती ने आरबीएसके डीसी डॉ शशि एवं उपस्थित सभी अधिकारियों को जागरूकता के साथ धरातल पर स्वास्थ्य कार्यक्रम को पहुंचाने का निर्देश दिया, वहीं जिले के सभी बीइओ, सीडीपीओ, डीइओ, आईसीडीएस डीपीओ, का एक व्हाट्सप्प ग्रुप बनाकर समन्वय पूर्वक कार्य करने की बात कहीं। प्रभारी डीएम को आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ शशि ने पीपीटी के माध्यम से बताया की अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक 2 लाख 74 हजार 89 बच्चों की मोबाइल हेल्थ टीम द्वारा आँगनबाड़ी केंद्र पर स्क्रीनिंग की गईं, वहीं सरकारी स्कूलों में 2 लाख 59 हजार 783 बच्चों की जाँच हुईं, जन्मजात 627 बच्चे रोगग्रस्त पाए गए, जिले के 27 प्रखंडो में 40 मोबाइल हेल्थ टीम, 78 चिकित्सा पदाधिकारी, 27 फार्मशिस्ट, 17 एएनएम कार्यरत है। केसरिया में एक गंभीर बच्चे का जन्म हुआ जिसको त्वरित इलाज कर जान बचाई गईं। दिल के छेद के मरीजों को समय समय पर पटना आईजीआईसी भेजा जाता है। वहीं गंभीर मरीजों को अहमदाबाद भेजकर निःशुल्क इलाज कराया जाता है। इस दौरान हवाई जहाज का यात्रा, भोजन, इलाज, दवाएं निःशुल्क मुख्यमंत्री बाल ह्रदय योजना अन्तर्गत वहन किया जाता है। उन्होंने बताया की 70 बच्चों को हाल ही में पटना एम्बुलेंस द्वारा भेजा गया था, पुनः 4 नवंबर को दिल के मरीजों को पटना भेजा जाएगा। उन्होंने बताया की आज
सिद्धांत कुमार डीसी, सिफार, विपुल कुमार, नौशाद अहमद, जौवाद हुसैन, उपेंद्र राय को आरबीएस के द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। बीमारीग्रस्त बच्चो की रिपोर्ट आरबीएसके वेब पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। वहीं जरुरतमंद व बीमार बच्चों की पहचान कर उन्हें समय पर चिकित्सीय सुविधा प्रदान की जाती है।
मौके पर विशेष कार्य पदाधिकारी अमरेश कुमार, एसीएमओ डा.श्रवण कुमार पासवान, आईसीडीएस डीपीओ, डीपीसी, सीडीपीओ, बीइओ, डैम, डीसीएम, आरबीएसके डीसी, सिफार, पिरामल डीसी व अन्य लोग मौजूद थे।

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