ग्रामीण आवास सहायक एबं वार्ड सदस्य की मिली भगत।
ग्रामीण आवास सहायक और वार्ड सदस्य के चक्कर मे जिओ टैगिंग फ़ोटो लेने में की जा रही है आना कानी। ऐसे प्रत्रित होता है कि पैसे के चक्कर मे बीच अधर में लटके है लाभार्थी।
पटना : पटना जिला अंतर्गत खुसरूपुर हैबतपुर पंचायत वार्ड नंबर 8 के वार्ड सदस्य मो0 हनीफ शाह उर्फ मो0 मोइन एबं खुसरूपुर प्रखंड के ग्रामीण आवास सहायक मोनिका वर्मा के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) को अवैध तरीके से वार्ड सदस्य के लाभार्थी पहचान कर आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण बिचौलियों की सक्रियता बढ़ गई है। इस कारण से सही लाभुकों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जी हां हम बात कर रहे हैं प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की लेकिन ग्रामीण आवास सहायक मोनिका वर्मा खुसरूपुर पंचायत हैबतपुर वार्ड नंबर 8 के वार्ड सदस्य मो0 मोइन के चक्कर मे पड़ी हुई है। सूत्रों के अनुसार ज्ञात हुआ है कि खुशरूपुर हैबतपुर पंचायत वार्ड नो0 8 के सदस्य मोहम्मद मोइन का कहना है कि जैसे हम कहें उस तरीके से काम करना है क्यों कि ये हमारा वार्ड है।
प्रधानमंत्री आवास योजना भारत सरकार की वह योजना है जिसके तहत नगरों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले गरीब लोगों को मकान उपलब्ध कराए जाते हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना को 2015 में ‘सभी के लिए आवास’ पहल के तहत शुरू किया गया था। इसके तहत जिन लोगों के पास अपना खुद का घर नहीं है, सरकार उन्हें वित्तीय सहायता देकर घर बनाने में मदद करती है. प्रधानमंत्री आवास योजना का मुख्य लक्ष्य गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले हर परिवार का खुद का घर देना है।
इस योजना के तहत मिलने वाली राशि और सब्सिडी सीधे उम्मीदवार के बैंक खाते में आती है जो कि आधार कार्ड से लिंक होता है. इस योजना में केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर खर्च करती हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना को स्वच्छ भारत योजना से भी जोड़ा गया है. प्रधानमंत्री आवास योजना को पहले इंदिरा आवास योजना के नाम से जाना जाता था।