ग्यारह बजे लेट नही बारह बजे भेंट नही।यातायात सिपाही यातायात पोस्ट अधिकारी से लेकर पुलिस वाले ही कर रहे अवैध वसूली। आला अधिकारी नही है कोई देखने वाला।
सनोवर खान की रिपोर्ट
पटना:यातायात विभाग द्वारा शुरू किया गया वाहन चेकिंग अभियान ट्रैफिक पुलिस के लिए कमाई का जरिया बन चुका है। हर चौक चौराहे पर सीसीटीवी फुटेज कैमरा लगे रहने के बावजूद भी वाहन के कागजात और लाइसेंस नहीं होने पर ट्रैफिक पुलिस वाहन चालकों से अवैध वसूली का कोई मौका नहीं छोड़ती। यह गड़बड़ी तहलका न्यूज़ के स्टार की स्टिंग में सामने आई। ग्वालटोली ट्रैफिक पोस्ट,भट्टाचार्य ट्रैफिक पोस्ट,डंकबंग्ला ट्रैफिक पोस्ट,भोल्ट्स ट्रैफिक पोस्ट,इंकॉमेटैक्स चौराहा,बोअरिंग रोड चौराहा,राजाबाजार,सचिवालय मोड़ चौक पर वाहन चेकिंग के दौरान एक ट्रैफिक पुलिस ने सूत्रों के अनुसार रिपोर्टर के परिजन से भट्टाचार्य ट्रैफिक पोस्ट पर 1000 रुपए लिए और रसीद भी नहीं दी। वाहनों की जांच के नाम पर सड़क पर कहीं भी वसूली अभियान शुरू हो जाता है। शहर से बाहर जाने वाली सड़कों पर हालत और भी खराब है। थानों की पुलिस के अलावा ट्रैफिक पुलिस की ओर से अलग से चेकिंग अभियान चलाया जाता है। बोलचाल की भाषा में ‘हफ्ता’ वसूली कहलाने वाली यह प्रथा यहां ‘रोजाना’ चल रही है। वाहन चालकों की मजबूरी है कि वे चाहकर भी ‘नहीं’ नहीं कह सकते। रोज चालान काटने वाली पुलिस रसीद देते समय यह तक बताना जरूरी नहीं समझती कि किस कमी या गलती पर चालान किया जा रहा है। सबसे बड़ी बात या है कि ट्रैफिक पुलिस अधिकारी से लेकर ट्रैफिक पुलिस तक अपने पोस्ट पर ड्यूटी करने के बजाय केबिन में बैठ के करते है सेटिंग वेटिंग। आखिर कब तक सुधरे गॉ ट्राफिक पुलिस। ट्रैफिक पुलिस अधिकारी से लेकर ट्रैफिक सिपाही तक अपना वेतन बचा के जनता से भरते है बैग।सबसे बड़ी बात यह है पटना जं यातायात ट्राफिक पोस्ट पर बिना अधिकारी के होता है वहां चेकिंग सिपाही अवैध बसूली के रूप में लगे रहते है।