टीबी मरीजों को उपलब्ध कराया जा रहा जोखिम आधारित ट्रीटमेंट
-गायघाट और मोतीपुर ने जून में लगभग 91 प्रतिशत मरीजों का किया बेसलाइन असेसमेंट
मुजफ्फरपुर। 25 जुलाई
डिफरेंसिएटेड टीबी केयर को लेकर जिले में हेल्थ ऑफिशियल को लेकर सीएमई का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार ने की। डब्ल्यूजेसी फाउंडेशन के डॉ सिद्धार्थ ने बताया कि टीबी से होने वाले मृत्यु दर को रोकने के लिए टीबी मरीजों का रिस्क एसेसमेंट करके तीन चरणों में जोखिम मूल्यांकन कर समुचित इलाज प्रदान किया जा रहा है। वहीं जरूरत पड़ने पर रेफर की भी व्यवस्था की जा रही है। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ सीके दास ने जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डिफरेंसिएटेड टीबी केयर का रिव्यू किया। इस रिव्यू में श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए गायघाट और मोतीपुर ने जून महीने में 91 व 90 प्रतिशत मरीजों का बेसलाइन असेसमेंट करके प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त किया। डिफरेंसिएटेड टीबी में इस प्रदर्शन के लिए वहां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, चिकित्सक, एसटीएलएस एवं एसटीएस को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। अगले त्रैमासिक के लिए मरीजों का बेस लाइन रिस्क असेसमेंट करने का लक्ष्य 90 प्रतिशत एवं मासिक फॉलो अप करने का लक्ष्य 50 प्रतिशत रखा गया।
इस मौके पर एसीएमओ डॉ सतीश कुमार, सीडीओ डॉ सीके दास, डब्ल्यूजेसीएफ के जिला लीड आशुतोष कुमार, फील्ड आफिसर राकेश वर्मा, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, चिकित्सा पदाधिकारी, एसकेएमसीएच से चिकित्सा पदाधिकारी, एनटीइपी काउंसलर, डीपीसी एवं सभी एसटीएस एवं एसटीएलएस मौजूद थे।