गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल के प्रशासन सहित सिविल सर्जन पटना एबं गार्ड एजेंसी की मनमानी/तानाशाही
सूत्रों के अनुसार से ज्ञात हुआ है कि अधीक्षक नही रहने के कारण कर्मचारियों एवं चिकित्सक सिविल सर्जन के द्वारा मानसिक प्रताड़ित हो रहे है। हरेक साल गार्ड एजेंसी के द्वारा
करोडो की होती है सरकार की कि क्षति।
।सबसे बड़ी बात यह है कि 30 से 35 गार्ड ड्युटी करते है और हाजिरी 60 से 65 गार्डो का बनता है।
गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल पटना सिटी में इलाइट कंपनी सुरक्षा एजेंसी को गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल में सुरक्षा का देख भाल के लिए इलाइट एजेंसी को दिया गया है। 60 सिक्युरिटी गार्ड का रुपैया 35 पैंतीस हजार कुछ रूपईए बिहार सरकार स्वास्थ विभाग उपलब्ध कराता है। लेकिन अस्पताल परिसर में 30 (तीस) से 35 (पैंतीस) गार्ड से सेवा लिया जाता है। जिसमे गार्डों का मासिक वेतन के रूप में 16 हजार रूपीए PF काट कर 13 तेरहा हजार रूपीए एकाउंट में दिए जाते है। जबकि बिहार सरकार स्वास्थय विभाग प्रति गार्ड को 35,000 (पैंतीस हजार रूपीए)प्रति गार्ड के हिसाब से दिया जाता है। यह जांच का विषय है कि इन लोगो के बीच का पैसा कहां जाता है। किस मद में जाता है। किस -किस के पास जाता है। यह जांच का बिषय है। एक कर्मचारी ने नाम नही छापने के शर्त पर बताया कि बिहार सरकार के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 60 गार्ड का पेमेंट दिया जाता है जबकि विभाग 60 गार्ड का पेमेंट दे रही है तो 30 से 35 गार्ड का वेतन किस मद में जा रहा है।