-जनप्रतिनिधि व अन्य विभागों से सहयोग लेने की अपील
शिवहर । 29 जनवरी
बुधवार को सिविल सर्जन सभागार कक्ष में आगामी एमडीए/आईडीए (सर्वजन दवा सेवन) कार्यक्रम का टीओटी (प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण) सिविल सर्जन डॉ देवदास चौधरी के अध्यक्षता में आयोजित हुआ। इस प्रशिक्षण में सभी प्रखंडों के एमओआईसी, बीएचएम, भीबीडीएस, बीसीएम एवं अन्य प्रशिक्षकों ने भाग लिया।
नवंबर में हुए नाइट ब्लड सर्वे के अनुसार जिले का माइक्रोफाइलेरिया रेट 1.6 है। नाईट ब्लड सर्वे में कुल 31 सौ लोगों की जांच की गयी, जिसमें 56 व्यक्ति माइक्रो फाइलेरिया से पॉजिटीव पाए गए। एक प्रतिशत से अधिक माइक्रोफाइलेरिया रेट के होने के कारण इस बार पूरे जिले में एमडीए/आइडीए अभियान चलेगा। ये बातें बुधवार को जिला ट्रेनिंग आफ ट्रेनर्स के प्रशिक्षण में जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सुरेश राम ने कही। प्रशिक्षण के दौरान डॉ सुरेश राम ने बताया कि जिले के सभी प्रखंड में आगामी 10 फरवरी 2025 से अभियान का संचालन किया जाना है। अतः सभी प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अपने -अपने संस्थान का सुक्ष्म योजना तीन दिन के अंदर जिला कार्यालय को साझा करना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि प्रचार-प्रसार सामग्री एवं दवा सभी पीएचसी को उपलब्ध करवा दिया गया है।
सिविल सर्जन डॉ देवदास चौधरी ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारीयों को नियत समय से जिला कार्यालय को सुक्ष्म योजना साझा करने का निर्देश दिया। साथ ही सुक्ष्म योजना को डिजिटल करने का निर्देश दिया गया।
डब्लूएचओ की जोनल कॉर्डिनेटर डॉ माधुरी देवराजू ने कार्यक्रम से संबंधित सभी बारिकियों को विस्तार से प्रस्तुत किया साथ ही कार्यक्रम के दौरान उपयोग में आने बाले सभी रिपोर्टिंग फार्मेट पर विस्तार से चर्चा किया।
प्रशिक्षण के उन्होंने प्रशिक्षण में शामिल प्रशिक्षुओं से सामाजिक जागरूकता पे चर्चा करते हुए जनप्रतिनिधि, स्कूल, जीविका समूह तथा समाज कल्याण विभाग एवं अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर जागरुक करने अपील की।
ट्रिपल ड्रग थेरेपी का रखा तकनीकी पक्षः
प्रशिक्षण के दौरान डॉ माधुरी देवराजू ने जिले में होने वाले ट्रिपल ड्रग थेरेपी में शामिल दवा आइवरमेक्टिन, डीईसी और एल्बेंडाजोल की खुराक और डोज पोल के बारे में विस्तार से बताया। इसके अलावे डीभीबीडीसीओ डॉ सुरेश राम ने दवा खाने से इंकार करने वाले रिफ्यूजल को कैसे ब्रेक किया जाय के बारे में बताया। गर्भवती, धात्री महिला, दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे और गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को दवा नहीं देनी है।
प्रशिक्षण के दौरान सिविल सर्जन डॉ देवदास चौधरी, जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सुरेश राम, डब्ल्यूएचओ के डॉ माधुरी देवराजू, डीभीबीडीसी मोहन कुमार, पिरामल स्वास्थ्य से आकांक्षा कुमारी, रोहित कुमार, भीबीडी कार्यालय से कृष्ण शेखर एवं कामेश्वर प्रसाद उपस्थित रहे।