एईएस से जंग को लेकर अलर्ट, स्वास्थ्य विभाग ने तेज की तैयारियां
- बढ़ती गर्मी के साथ जिले में जेई और एईएस का मंडराने लगता है खतरा: सीएस
मोतिहारी। बढ़ती गर्मी के साथ ही जिले में मार्च-अप्रैल से जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) और एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिड्रोम (एईएस) का खतरा मंडराने लगाता है। इस देखते हुए स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है। सिविल सर्जन डॉ रविभूषण श्रीवास्तव ने बताया कि इस गंभीर बीमारी से निबटने को लेकर सभी अनुमण्डलीय अस्पताल और पीएचसी को दवाओं की उपलब्धता तथा आवश्यक टूल्स के साथ गैप एस्सेमेंट पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने बताया कि विभागीय स्तर पर गांव-गांव में जागरूकता को लेकर पंपलेट आदि का वितरण किया जाता है। इसकी रोकथाम के साथ आवश्यक तैयारियों के साथ स्वास्थ्य विभाग की ओर से ग्राउंड लेवल पर प्रचार-प्रसार किया जाता है। सदर अस्पताल में 10 बेड, अनुमंडलीय अस्पताल में 5 बेड का पीकू वार्ड तथा प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 2 बेड के वार्ड बनाए जाते है। इसकी रोकथाम व बचाव को लेकर आशा, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, चिकित्सकों को आवश्यक ट्रेनिग दी जानी है।
उन्होंने बताया कि एईएस/जेई मैनेजमेंट के लिये पूर्व में उपलब्ध कराये गये स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर 2024 के अनुसार दवाएं एवं उपकरणों की उपलब्धता हेतु अपने स्तर से इंटरनल गैप असेसमेंट करते हुए पूर्ण करना सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रत्येक स्वास्थ्य संस्थान पर ओआरएस एवं पारासिटामोल दवा की उपलब्धता आवश्यक मात्रा में सुनिश्चित किया जा रहा है। एईएस/जेई को लेकर चिकित्सा पदाधिकारियों एवं 3 जीएनएम/एएनएम को एईएस वार्ड में 24×7 हेतु प्रतिनियुक्ति करते हुए तत्संबंधी रोस्टर की सूची 28 फ़रवरी तक नाम, पदनाम एवं मोबाईल नम्बर के साथ उपलब्ध कराने को कहा गया है।
