जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारियों के सेवाकालीन आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारियों के सेवाकालीन आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

पटना। कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार द्वारा आयोजित जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारियों के सेवाकालीन आवासीय प्रशिक्षण का आज शुभारंभ हुआ। यह प्रशिक्षण 19 मई से 06 जून 2025 तक चलेगा और इसका उद्देश्य बिहार के विभिन्न जिलों के जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारियों को प्रशासनिक, सांस्कृतिक एवं तकनीकी दक्षताओं से सुसज्जित करना है।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार सरकार के माननीय कला, संस्कृति एवं युवा मंत्री श्री मोतीलाल प्रसाद ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम का शुभारंभ वंदना गायन से हुआ, जिससे वातावरण में सांस्कृतिक सौंदर्य का संचार हुआ।

अपने उद्घाटन भाषण में माननीय मंत्री श्री मोतीलाल प्रसाद ने कहा कि जिला स्तर पर कला एवं संस्कृति को सशक्त करने के लिए इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को संस्कृति संरक्षण व संवर्धन के प्रति सजग रहने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण राज्य की सांस्कृतिक समृद्धि को समझने और जिला स्तर पर सांस्कृतिक कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन में मील का पत्थर साबित होगा।

माननीय मंत्री जी ने कहा कि जिस पद पर आप लोगों की बहाली हुई है उसके अनुरूप आप कार्यों को बखूबी निभाएं यही मेरी आप लोगों से अपेक्षा है। प्रशिक्षण के उपरांत आप सब कोई यहां से कुछ प्राप्त करके और सीख कर जाएं ऐसी मेरी प्रबल इच्छा है। मुझे पूरी उम्मीद है कि आप लोग यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद फील्ड में जाकर अच्छा करेंगे। अपने संबोधन के अंत में उन्होंने जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारियों को आगामी प्रशिक्षण के लिए शुभकामनाएं दी।

श्री प्रणव कुमार, सचिव, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग ने जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहां की गांधी जी ने कहा था सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। बिपार्ड में आप लोगों की सामान्य प्रशिक्षण हो चुकी है। इस प्रशिक्षण में आप लोगों को विभाग और उसके कार्य प्रणाली से संबंधित बारीक जानकारियां दी जाएगी। निश्चित तौर पर इस प्रशिक्षण के बाद आप लोग समृद्ध होंगे। प्रशिक्षण के दौरान आप लोग पूरे मनोयोग के साथ ध्यान पूर्वक तमाम बातों को ग्रहण करेंगे। इस दरमियान किसी और विषय वस्तु पर ध्यान देना जरूरी नहीं है। कला और संस्कृति के प्रति अन्य राज्यों जैसे कि केरल और पश्चिम बंगाल में जिस तरह की ललक और स्वीकारिता है आने वाले सालों में आप लोगों के द्वारा बिहार में भी इस स्तर का सामाजिक चेतना तैयार हो इसके लिए इस प्रशिक्षण का काफी महत्व है।
श्री कुमार ने जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारियों को जानकारी देते हुए कहा कि माननीय मंत्री जी के नेतृत्व में विभाग बहुत अच्छा कर रहा है और हम लोग कई योजनाओं पर काम कर रहे हैं जो आने वाले समय में धरातल पर दिखेगा।

मौके पर निदेशक, संग्रहालय श्रीमती रचना पाटिल (भा.प्र.से.) ने पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि निश्चित तौर पर यहां से प्राप्त किया हुआ प्रशिक्षण आप लोगों को फील्ड में बहुत काम आएगा। प्रशिक्षण प्रोग्राम को ऐसे बनाया गया है की आप लोगों को केंद्र से लेकर राज्य स्तर की कई अहम विषयों की जानकारी हो।

सांस्कृतिक कार्य निदेशालय की निदेशक श्रीमती रूबी ने पदाधिकारियों से मुखातिब होते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण का सीधा मकसद है कि आप लोगों में अपने कार्य के प्रति गहरी समझ विकसित हो। इसी कार्य को अंजाम देने के लिए हर एक विषय के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है। जो आप लोगों को दीक्षित करेंगे। यह एक कंप्रिहेंसिव ट्रेनिंग प्रोग्राम है जिसमें आप लोगों को फिल्म, नाटक, कला, संस्कृति, मीडिया, पुरातत्व, धरोहर और थिएटर सहित अन्य विषयों से संबंधित गहन जानकारी प्रदान की जाएगी।

प्रशिक्षण का आयोजन दशरथ माँझी श्रम योजना अध्ययन संस्थान, पटना में किया गया है। पहले दिन प्रतिभागियों को विभागीय योजनाओं, कलाओं के संरक्षण, प्रशासनिक जिम्मेदारियों तथा सांस्कृतिक नेतृत्व के महत्व पर विस्तृत जानकारी दी गई।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD), EZCC कोलकाता, IIRNS नासिक, संग्रहालय निदेशालय, एवं अन्य प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न विषयों पर व्याख्यान, कार्यशालाएं तथा संवाद सत्र आयोजित किए जाएंगे।

प्रशिक्षण कार्यक्रम की समापन तिथि 06 जून 2025 निर्धारित की गई है, जिसमें प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए जाएंगे एवं उनके अनुभव साझा किए जाएंगे।

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रशासी पदाधिकारी भारतीय नृत्य कला मंदिर, कहकशाँ जी ने किया।

मौके पर बिहार संगीत नाटक अकादमी के सचिव श्री अनिल कुमार सिन्हा, डॉ. विमल तिवारी, अपर-निदेशक, जन-नायक कर्पूरी ठाकुर स्मृति संग्रहालय, पटना, बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम के फिल्म कंसल्टेंट श्री अरविंद रंजन दास, बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम लिमिटेड की पीएमयू लीड श्रीमती मीनाक्षी चौधरी, श्रीमती मोनालिसा आईटी मैनेजर, व अन्य पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहें।

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