गैरमजरूआ मालिक सरकारी जमीन की कर रहे हैं
दाखिल-खारिज। अंचलाधिकारी पटना सदर रजनी कांत का बहुत बड़ा हाथ।
पटना :गैरमजरूआ मालिक सरकारी जमीन की कर रहे हैं
दाखिल-खारिज। अंचलाधिकारी पटना सदर रजनी कांत का बहुत बड़ा हाथ। मामला पटना केस नो0=5644/24-25 का है। जिसे गैरमजरूआ रोड का जमीन को दाखिल खरिज करने का आदेश पारित कर दिया है। सूत्रों के हवाले से इससे साफ साबित होता है कि कही ना कही अंचलाधिकारी पटना सदर रजनीकांत का हाथ है।
सदर अंचल में पिछले लंबे अरसे से दाखिल खारिज के नाम पर जमकर गोरखधंधा चल रहा है। हालांकि सरकार दाखिल खारिज प्रक्रिया का सुलभ करने के लिए समय-समय पर कई तरह के आदेश भी जारी करती रहती है लेकिन यहां सदर अंचल में संबंधित कर्मियों व अधिकारी की ही आज भी मनमर्जी चल रही है। अगर आप नाजायज रुपए खर्च करने का दमखम रखते हैं तो आम गैर मजरुआ व मालिक गैरमजरूआ जमीन की रजिस्ट्री से लेकर दाखिल खारिज तक आसानी से करा सकते हैं। जी हां, सदर अंचल में नियम से हटकर काम करने में किसी को परहेज नहीं है। अगर संबंधित कुछ अधिकारी व कर्मी मैनेज हो गए तो समझ लीजिए जमीन से संबंधित कोई भी नाजायज काम कराना मुश्किल नहीं है। अगर वाजिब व कानूनी रूप से कोई काम कराना हो तो यहां फिर काफी मुश्किल है।
सरकार के रोक के बाद भी किया गैरमजरूआ जमीन का म्यूटेशन
पटना सदर अंचल में सरकार द्वारा दाखिल खारिज के लिए प्रतिबंधित जमीन के दाखिल खारिज किए जाने के यहां कई मामले सामने आए हैं।सबसे बड़ी बात यह है कि ऑनलाइन आवेदन जैसे परिमार्जन प्लस करने के बाद भी चार से पांच महीने कर्मचारी के पास आवेदन पड़ा रहता है। ऑनलाइन आवेदन परिमार्जन प्लस करने के बाद भी कर्मचारी के द्वारा चार से पांच बार हार्ड कॉपी यानी ऑफ लाइन कागजो की मांग की जाती है आवेदन कर्ता के अनुसार। फिर भी कर्मचारी के पास ही चार से पांच महीने पेंडिंग पड़ा रहता है। ऐसा प्रत्रित होता है कि कर्मचारी पैसे रूपीए के चक्कर मे अपने पास पेंडिंग रखे रहते है।