शिक्षा विभाग, जीविका एवं पंचायती राज विभाग के आपसी सामंजस्य से फ़ाइलेरिया मुक्त पंचायत का स्वप्न होगा साकार- केदार प्रसाद

शिक्षा विभाग, जीविका एवं पंचायती राज विभाग के आपसी सामंजस्य से फ़ाइलेरिया मुक्त पंचायत का स्वप्न होगा साकार- केदार प्रसाद

• मध्यान्न भोजन के बाद ही स्कूलों में कराएँ फ़ाइलेरिया की दवा का सेवन- डॉ. परमेश्वर प्रसाद
• राज्य फ़ाइलेरिया कार्यालय एवं पिरामल स्वास्थ्य के तत्वावधान में एमडीए अभियान की रणनीति पर हुई चर्चा

पटना- “एमडीए अभियान को जन आंदोलन की तरह संचालित करने की जरुरत है. सभी पंचायत प्रतिनिधि खुद दवा खाकर अभियान की शुरुआत करें. पंचायत प्रतिनिधि सुनिश्चित करें कि उनके पंचायत के सभी लोग दवा का सेवन करें. स्वस्थ व्यक्ति ही स्वस्थ मानसिकता के साथ समाज के उत्थान में अपना योगदान दे सकता है. सभी मुखिया अपने पंचायत की आशा से दैनिक दवा सेवन की रिपोर्ट लें एवं उनका उचित मार्गदर्शन करें”, उक्त बातें केदार प्रसाद गुप्ता, पंचायती राज मंत्री, बिहार सरकार ने पटना के एक निजी होटल में आयोजित आगामी एमडीए अभियान के दौरान अन्तर्विभागीय समंवय सुनिश्चित करने के लिए आयोजित कार्यशाला में कही. कार्यशाला में पंचायती राज विभाग के जिला से जिला पंचायती राज पदाधिकारियों के साथ शिक्षा विभाग एवं जीविका के अधिकारी भी शामिल हुए.
फ़ाइलेरिया दीर्घकालीन विकलांगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण:
कार्यशाला को संबोधित करते हुए अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फ़ाइलेरिया डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने कहा कि फ़ाइलेरिया दीर्घकालीन विकलांगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण है. उन्होंने कहा कि एमडीए अभियान विश्व का सबसे बड़ा दवा सेवन कार्यक्रम है और फ़ाइलेरिया उन्मूलन की लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी को दवा खाना जरुरी है. इस अभियान में लगभग 40 विभागों का सहयोग लिया जाता है. पंचायती राज विभाग की इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका होगी. डॉ. प्रसाद ने कहा कि राज्य की 45 प्रतिशत आबादी 2 से 15 लगभग वर्ष की है और इन्हें दवा सेवन कराकर हम लक्ष्य प्राप्ति की तरफ बड़ा कदम उठा सकते हैं. उन्होंने उपस्थित प्रतिभागियों से अपील किया कि स्कूलों में मध्यान्न भोजन के बाद ही बच्चों को फ़ाइलेरिया की दवा खिलाएं. उन्होंने हाइड्रोसिल मरीजों की जल्द से जल्द चिन्हित कर उनका ऑपरेशन कराने में सहयोग करें.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्टेट एनटीडी कोऑर्डिनेटर डॉ. राजेश पांडेय ने कहा कि अभियान की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि सभी जगहों पर आशा कार्यकर्ता पहुंचकर लोगों को दवा खिलाएं. उन्होंने कहा कि एक बार में लोगों से घर में भेंट नहीं होने पर उन घरों का दुबारा भ्रमण कर दवा खिलाना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि राज्य के 15 प्रतिशत प्रखंडों में माइक्रोफ़ाइलेरिया का प्रसार रुक चुका है.
पिरामल स्वास्थ्य के कोर टीम मेंबर बिकास सिन्हा ने कहा कि फ़ाइलेरिया का प्रसार पूरे राज्य में है. उन्होंने कहा कि सभी को यह समझने की जरुरत है कि “मेरी सुरक्षा, मेरे हाथ” में है. उन्होंने शिक्षा विभाग, जीविका एवं पंचायती राज्य विभाग के सहयोग की रणनीति पर चर्चा की. कार्यशाला में जीविका की राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी सौम्या ने भी अपने विचार रखे. मध्यान्न भोजन के सहायक निदेशक रूपेंद्र सिंह ने कहा कि उनके विभाग द्वारा एमडीए अभियान में पूरा सहयोग किया जायेगा. डॉ. कैलाश कुमार, रीजनल वरिष्ठ निदेशक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, केंद्र सरकार ने भी अपने विचार रखे.
कार्यशाला में पिरामल स्वास्थ्य के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, एनटीडी, बासब रूज के साथ पिरामल स्वास्थ्य की पूरी टीम एवं सहयोगी संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!