चमकी बुखार के लक्षणों की समय पर पहचान के साथ ईलाज करना है जरूरी : डॉ पंकज
- पारामेडिकल कॉलेज में दिया गया एकदिवसीय प्रशिक्षण
- मुजफ्फरपुर के बाद जिले में आता है एईएस / जेई का केस
मोतिहारी, 27 फ़रवरी
जिले में चमकी बुखार और मस्तिष्क ज्वर से निबटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से प्रयासरत है. इसको लेकर जिला स्तर पर तैयारी शुरू की जा रहीं है. सदर अस्पताल के जीएनएम भवन में आज गुरुवार को जीएनएम / एएनएम / सीएचओ / स्टॉफ नर्स को कुल 85 स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण सदर अस्पताल के पीकू इंचार्ज डॉ पंकज, डॉ फिरोज आलम, एवं भीडीसीओ रविंद्र कुमार के द्वारा दिया गया है।चिकित्सकों के द्वारा चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों के उपचार से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया, वहीं चमकी बुखार के कारण, लक्षण, बचाव और समुचित इलाज की विस्तृत जानकारी दी गईं।डॉ पंकज ने कहा की चमकी के लक्षण मिलते ही बच्चों को तुरंत एम्बुलेंस या निजी वाहन से सरकारी अस्पताल लेकर जाए। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शरत चंद्र शर्मा ने कहा की सभी स्वास्थ्य केंद्र पर ओआरएस के पाउडर व पैरासिटामोल की गोली पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखने का निर्देश दिया गया है.इससे बचाव व सुरक्षा के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है ताकि जिले में चमकी के प्रभाव को रोका जा सके। चमकी बुखार व मस्तिष्क ज्वर संबंधी मामलों का कुशल प्रबंधन समय पर होना बहुत जरूरी है।भीडीसीओ रविंद्र कुमार ने जानकारी देते हुए कहा की कल 28 फ़रवरी को चिकित्सा पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया की अभिभावक बच्चों पर ध्यान दें, रात्रि में खाली पेट न सोने दें, रात में उठाए, हल्का मीठा खिलाए, कोई भी दिक्कत हो तो तुरंत सरकारी अस्पताल लेकर आए, सदर अस्पताल के पीकू वार्ड में, 24 घंटे इमरजेंसी ईलाज की व्यवस्था रहती है।
- ये है चमकी एवं जेई के लक्षण :
सिर में दर्द, तेज बुखार, अर्ध चेतना, मरीज में पहचानने कि क्षमता नहीं होना, भ्रम कि स्थिति में होना, बेहोशी, शरीर में चमकी, हाथ व पांव में थरथराहट, रोगग्रस्त बच्चों का व मानसिक संतुलन बिगड़ना एइएस व जेई के सामान्य लक्षण हैं.
मौके पर सदर अस्पताल के पीकू इंचार्ज डॉ पंकज, डॉ फिरोज आलम, एवं भीडीसीओ रविंद्र कुमार, प्रेमलता कुमारी, धीरज कुमार, व अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थें।
