यूपी सरकार के बुलडोज़र एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार जिसके घर गिराए उन्हें 10=10 लाख हर्जाना दो

लखनऊ…सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के प्रयागराज में बिना नोटिस दिए ही बुलडोजर एक्शन पर सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। पीड़ितों को दस-दस लाख मुआवजा देने का आदेश दिया है। कोर्ट का आदेश आते ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने फैसले का स्वागत किया और यूपी की योगी सरकार पर निशाना साधा है। सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते समय आंबेडकरनगर की घटना का भी जिक्र किया जिसमें झोपड़ी को बुलडोजर से गिराया जा रहा है और एक बच्ची अपनी किताबें बचाने के लिए दौड़ रही है। अखिलेश ने उसी बच्ची का वीडियो एक्स पर शेयर करते हुए कहा कि घर एक भावना का नाम है। उसके टूटने से भावनाएं आहत होती हैं।अखिलेश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का ये आदेश स्वागत योग्य है कि प्रयागराज में 2021 में हुए एक बुलडोज़र एक्शन पर सभी 5 याचिकाकर्ताओं को प्रयागराज विकास प्राधिकरण 6 सप्ताह में 10-10 लाख मुआवजा देगा। इस मामले में कोर्ट ने नोटिस मिलने के 24 घंटे के भीतर मकान गिरा देने की कार्रवाई को अवैध घोषित किया है।अखिलेश ने कहा कि सच तो यह है कि घर केवल पैसे से नहीं बनता है और न ही उसके टूटने का जख्म सिर्फ पैसों से भरा जा सकता है। परिवारवालों के लिए तो घर एक भावना का नाम है और उसके टूटने पर जो भावनाएं हत होती हैं उनका न तो कोई मुआवज़ा दे सकता है न ही कोई पूरी तरह पूर्ति कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और प्रयागराज विकास प्राधिकरण की खिंचाई करते हुए प्रयागराज में घरों को गिराने की कार्रवाई को ”अमानवीय और अवैध” बताया। न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि घरों को गिराने की कार्रवाई ”अनुचित” तरीके से की गई। पीठ ने कहा कि ”देश में कानून का शासन है” और नागरिकों के आवासीय ढांचों को इस तरह से नहीं गिराया जा सकता।पीठ ने कहा कि इसने हमारी अंतरात्मा को झकझोरा है। आश्रय का अधिकार, कानून की उचित प्रक्रिया जैसी कोई चीज होती है।

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