बलरामपुर पुलिस ने सायबर ठगी के शिकार हुए को 98000 रुपए वापस दिलाया


शिकायककर्ता श्री अवध नरेश द्विवेदी के 98,000/- रुपये साइबर क्राइम सेल द्वारा कराये गये वापस। विदित हो कि दिनांक 01.02.2024 को शिकायतकर्ता अवध नरेश द्विवेदी पुत्र श्री भीष्म दुबे निवासी ग्राम आटादुबे पुरवा परसपुर, अकोहरी जनपद गोण्डा जो कि वर्तमान समय में कार्यालय जिला कृषि अधिकारी जनपद बलरामपुर में कनिष्ठ अभियन्ता के पद पर नियुक्त हैं, द्वारा जनपदीय साइबर क्राइम सेल पहुंचकर शिकायत की गयी थी कि “शिकायतकर्ता एचडीएफसी बैंक का क्रेडिटकार्ड धारक है, आज दिनांक 01.02.24 को जालसाजो के द्वारा अपने को एचडीएफसी बैंक का अधिकारी बताकर क्रेडिट कार्ड पर एक्टिवेट प्रोटेक्शन हटाने के नाम पर धोखाधड़ी करके गलत तरीके प्रोसस करवाकर क्रेडिट कार्ड से 1,06,772 रुपये निकाल लिए गए हैं”। जिस पर पुलिस अधीक्षक महोदय बलरामपुर द्वारा जनपदीय साइबर क्राइम सेल को तत्काल जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था। निर्देशानुसार साइबर क्राइम सेल द्वारा तत्काल आवश्यक कार्यवाही करते हुए उक्त धनराशि संबंधित बैंक/गेटवे के माध्यम से बरामद करते हुए धोखाधड़ी की धनराशि में से 98,000 रुपये शिकायतकर्ता के बैंक खाते में वापस करा दी गयी है, शेष कार्यवाही की जा रही है। उक्त शिकायतकर्ता द्वारा धोखाधड़ी की धनराशि अपने बैंक खाते में वापस मिल जाने पर जनपदीय साइबर टीम व बलरामपुर पुलिस के प्रति आभार व्यक्त किया गया।

वापस करायी गयी धनराशि
रुपयेः 98,000/-

साइबर अपराध से बचाव हेतु सावधानी
• एईपीएस फ्राड से बचने के लिए हमेशा आधार कार्ड का बायोमैट्रिक लाक करके रखें। साइबर अपराधियों द्वारा आम लोगो का फिंगर प्रिन्ट क्लोन कर एईपीएस के माध्यम से धोखाधड़ी करके रुपया निकाल लिया जाता है, जिसके बचाव के लिए आवश्यक है कि आधार कार्ड का बायोमैट्रिक लाक करके रखें।
• किसी अनजान व्यक्ति द्वारा बताये गये किसी एप को डाउनलोड न करें, साइबर अपराधियो द्वारा स्क्रीनशेयरिंग एप डाउनलोड करवाकर अपका फोन एक्सेस करके उसका गलत उपयोग किया जा सकता है।
• किसी अनजान के कहने पर पेमेन्ट रिक्वेस्ट एक्सेप्ट न करें। साइबर अपराधियों द्वारा लोगो को यह बताकर कि पैसे आपके खाते में भेजे जा रहे रिसीव कर लीजिए, लोगो द्वारा रिसीव करने के लिए जैसे ही यूपीआई पिन डाला जाता है, पैसे खाते से कट जाते हैं। अवगत कराना है कि खाते में रुपये रिसीव करने के लिए कभी पिन डालने या रिसीव करने की आवश्यकता नही होती है।
• साइबर अपराधियों द्वारा आजकल एटीएम बदलकर साइबर क्राइम किया जा रहा है। इस स्थिति से बचने के लिए एटीएम उपयोग करते समय किसी अनजान से मदद लेते समय हमेशा सावधान रहें। किसी अनजान के हाथ में अपना एटीएम न दें।
• गूगल पर कस्टमर केयर नंबर सर्च करते समय हमेशा सावधान रहें। साइबर अपराधियों द्वारा गूगल पर विभिन्न कंपनियों के फर्जी कस्टमर केयर नंबर अपलोड किये गये हैं, अतः किसी भी कंपनी का कस्टमर केयर नंबर निकालने के लिए हमेशा कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट से ही निकालें।
• सोशल मीडिया पर अनजान लोगों की फ्रेन्ड रिक्वेस्ट/ वीडियो कॉल एक्सेप्ट न करें। साइबर अपराधियों द्वारा लोगो को सोशल साइट पर आनलाइन चैट कर सेक्सुअली उकसाकर उनका न्यूड वीडियो रिकार्ड कर ब्लैकमेल किया जाता है। अतः सोशल मीडिया पर हमेशा सावधान रहें।
• किसी भी दशा में अपना व्यक्तिगत विवरण किसी अनजान के साथ साझा न करें। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आने वाले विज्ञापनों से खरीदरी में हमेशा सावधान रहें, खरीदरी हमेसा किसी भी ई-कामर्श वेबसाइट की आफिशियल वेबसाइट अथवा अधिकृत एप से ही करें।
• सोशल मीडिया एकाउन्ट पर हमेशा टू-स्टेप वेरीफिकेशन आन रखें तथा मजबूत पासवर्ड बनायें।

ठगी का शिकार होने पर अपने नजदीकी थाने की साइबर हेल्प डेस्क पर अथवा जनपदीय साइबर सेल के मोबाइल नंबर 7839855002 पर तत्काल संपर्क करें अथवा भारत सरकार द्वारा जारी नंबर 1930 पर कॉल करें। किसी भी प्रकार के साइबर क्राइम से सम्बन्धित आनलाइन शिकायत भारत सरकार द्वारा जारी अनलाइन नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in के माध्यम से करें।

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