बलरामपुर जिले के तहसील तुलसीपुर के ग्राम पंचायत रामवापुर में खुला सिलाई कढ़ाई सेंटर

बलरामपुर जिले के तहसील तुलसीपुर के ग्राम पंचायत रामवापुर में खुला सिलाई कढ़ाई सेंटर। आत्मनिर्भर बनकर बेटियां समाज के उत्थान में कर सकती है महत्वपूर्ण योगदान :श्रीमती प्रवीन हुसैन, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता । उत्तर प्रदेश जल निगम से सेवानिवृत्त इंजीनियर मो. अयूब खान की पहल से गांव की बेटियों और महिलाओ को मिल रहा है निःशुल्क सिलाई एवं कढ़ाई का प्रशिक्षण। जनपद बलरामपुर के विकासखंड तुलसीपुर के अंतर्गत स्थित ग्राम पंचायत रमवापुर में लोक प्रिय ग्राम प्रधान डॉक्टर मो. उमर खान के छोटे भाई इंजीनियर मोहम्मद अयूब खान द्वारा सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देते हुए अपने गांव की बेटियों और महिलाओं के सशक्तिकरण, रोज़गार के अवसर को बढ़ावा देने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से अपने संसाधन से पहल करते हुए, हुनर फैशन डिजाइनिंग एवं ट्रेनिंग सेंटर, का संचालन कर रहे है। जिसका उद्देश्य गांव की बेटियों और महिलाओं को निःशुल्क सिलाई एवं कढ़ाई का प्रशिक्षण दिया जा जाना है। प्रशिक्षण के माध्यम से गांव की बेटियां, आत्मनिर्भर होकर समाज में सम्मान प्राप्त करें जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और धनोपार्जन करते हुए अपने परिवार की सेवा कर सकेंगी। इस निःशुल्क सिलाई कढ़ाई प्रशिक्षण कार्यक्रम की क्षेत्र में चारों ओर खूब चर्चा हो रही है। इस अवसर पर जनपद बलरामपुर में समाज सेविका के रुप में अपनी पहचान बना चुकी श्रीमती प्रवीन हुसैन द्वारा ग्राम रमवापुर मे संचालित, हुनर फैशन डिजाइनिंग प्रशिक्षण केंद्र, पहुंचकर बेटियों और महिलाओं को अपने ऊर्जावान संबोधन से प्रोत्साहित करते हुए उनके द्वारा सिलाई कढ़ाई प्रशिक्षण केन्द्र में नियमित रूप से सीखने हेतु उन्हें बधाई दी और प्रेरित करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर बनकर गांव की बेटियां समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान कर सकती है। जब तक उनके पास धन नहीं होगा, वो अपनी पहचान नहीं बना सकती हैं और समाज में उनका अपना कोई सम्मान नहीं होगा। साथ ही वो अपने परिवार की सेवा भी नहीं कर सकती हैं। सेवानिवृत्त इंजीनियर मोहम्मद अयूब खान द्वारा सामाजिक सेवा के रूप में उठाया गया यह कदम अत्यंत ही शानदार और सराहनीय है। आज के दौर में समाज के सुधार के लिए इसी तरह के अभिनव प्रयासों की आवश्यकता है। जब गांव की यह 90 बेटियां, लगातार 6 माह तक सिलाई, कढ़ाई सीखने के बाद जब निपुण हो जाएंगी तो अपने मायके और ससुराल में दोनो परिवार की सेवा कर सकेंगीं। इस अवसर पर गांव की दो बहुओं श्रीमती पूनम श्रीवास्तव और श्रीमती रश्मि श्रीवास्तव, ने निःस्वार्थ भाव से इन बेटियों को प्रशिक्षित करने का महत्त्वपूर्ण दायित्व उठाया है। यह बहुत ही सराहनीय पहल है। इंजीनियर मो. अय्यूब खान द्वारा अपने स्तर से एवं समाज से सहयोग लेकर सिलाई कढ़ाई केंद्र में मशीनों की पर्याप्त व्यवस्था कराई है एवं अपने निजी आवास को इस कार्य में नि: स्वार्थ भाव से प्रशिक्षण हेतु उपलब्ध कराया है। इस सामाजिक कार्य की जितनी भी प्रशंसा की जाए वो कम है। तहलका न्यूज के लिए मिट्ठू शाह की रिपोर्ट

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