जन्मजात कटे होंठ और तालू वाले बच्चों की पहचान कर किया जा रहा इलाज- डॉ रमेश चंद्रा

जन्मजात कटे होंठ और तालू वाले बच्चों की पहचान कर किया जा रहा इलाज- डॉ रमेश चंद्रा

  • अक्टूबर माह में आशा द्वारा ऐसे 18 बच्चे किए गए चिन्हित
  • गौनाहां, नरकटियागंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिन्हित बच्चों को प्रारम्भिक जाँच हेतु एमजेके बेतिया में किया गया रेफर

बेतिया, 21 अक्टूबर

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत जिले के बच्चों में जन्मजात दोष एवं विकृति, बच्चों के विकास में देरी, बीमारी डिफिशिएंसी से चिन्हित 43 प्रकार के रोगों से ग्रसित बच्चों को समय पर चिकित्सकों द्वारा पहचान कर उन्हें उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उनका नि:शुल्क इलाज कराया जा रहा है। ये कहना है जिले के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्रा का। उन्होंने बताया कि पश्चिमी चंपारण जिला से अक्टूबर महीने में आरबीएसके एवं आशा के समन्वय से जिले में कुल 18 बच्चों को चिन्हित किया गया है जिनका तालु एवं होठ जन्म से ही कटे थे। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत गौनाहां एवं नरकटियागंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत चिन्हित किए गए बच्चों को एंबुलेंस के माध्यम से एमजेके अस्पताल बेतिया में प्रारंभिक जांच करते हुए रेफर किया गया। इसके बाद उन बच्चों को बेहतर इलाज के लिए पटना आईजीआईसी भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत इन सभी बच्चों का ऑपरेशन नि:शुल्क कराया जाता है। आपरेशन का पूरा खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाता है।

कैंप लगाकर की जाती है बच्चों की स्क्रीनिंग :

गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मुर्तजा अंसारी ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत बच्चों में जन्मजात दोष 43 प्रकार की बीमारियों की जांच चिकित्सकों द्वारा निःशुल्क रूप से आंगनबाड़ी केंद्रों, विद्यालयों व अन्य स्थानों पर कैंप लगाकर समय-समय पर की जाती है। जांच के दौरान कुछ बच्चों में हृदय रोग से संबंधित लक्षण दिखाई देने पर उन्हें जिले के अस्पताल में स्क्रीनिंग कर उन ह्रदय रोग से पीड़ित बच्चों को उनके माता-पिता के साथ जरूरी कागजातों के साथ निःशुल्क एम्बुलेंस पटना और उसके बाद विमान से श्री सत्य साइ हॉस्पिटल, अहमदाबाद भेजा जाता है। उन्होंने बच्चों के अभिभावक से अपील करते हुए कहा कि ऐसे बच्चों की जानकारी होने पर सरकारी अस्पताल या जिला स्वास्थ्य समिति के जिला समन्वयक रंजन कुमार से सम्पर्क करें। मौके पर एसीएमओ डॉ रमेश चंद्रा, गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मुर्तजा अंसारी, डीपीएम अमित अचल, डीसीएम राजेश कुमार, महामारी पदाधिकारी डॉ आरएस मुन्ना, जिला समन्वयक रंजन कुमार एवं जिला स्वास्थ्य समिति के अन्य पदाधिकारी व कर्मी उपस्थित थे।

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